१४ जून को अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में ‘जिहादी आतंकवाद से हिन्दुआें की रक्षा !’ इस सायं के सत्र में मान्यवरों द्वारा किया गया मार्गदर्शन
‘हिन्दू धर्म का अनादर करनेवालों के विरुद्ध वैध मार्ग से कार्य कैसे करें’, इस विषय में अनुभव बताते हुए श्री. जीतेन्द्र ठाकुर ने कहा,
अ. मध्यप्रदेश के एक जिले में एक युवक ने शिवपिंडी पर पैर रखकर खडे रहने का चित्र समाचार-पत्रों में प्रकाशित हुआ था । यह देखकर धर्म पर हो रहे आघातों के विरुद्ध हिन्दुआें ने संवैधानिक मार्ग से विरोध करते हुए पुलिस प्रशासन को निवेदन दिया । उसका सामाजिक जालस्थलों द्वारा प्रसार किया । इससे समाज में बडी मात्रा जनजागृतिप्रद प्रसार होकर उस युवक को बंदी बनाया गया ।
आ. भोपाल में मुसलमानों ने होली बेस नामक कार्यक्रम आयोजित किया था । मुसलमानों द्वारा हिन्दुआें के त्योहारों का कार्यक्रम आयोजित करना ही अनुचित है । इसके माध्यम से उनका ‘लव जिहाद’ का षड्यंत्र था । तदुपरांत विविध स्तरों के पुलिस अधिकारियों को निवेदन देकर तथा जनप्रतिनिधियों ने दबाव डालकर मुसलमानों को वह कार्यक्रम रहित करने पर विवश किया ।
इ. हिन्दुआें को हिन्दुत्व के विषय में बतानेवाले कोई नहीं हैं, वह बतानेवाले चाहिए ।
ई. हिन्दुआें को निरंतर एक-दूसरे के संपर्क में रहना चाहिए । उन्हें वैचारिक रूप से मजबूत करना होगा ।