छठे हिन्दू अधिवेशन के प्रथम दिन के सायं सत्र में ‘हिन्दू धर्म की वैचारिक रक्षा’ इस उद्बोधन सत्र में हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. उदय धुरी द्वारा किया गया प्रतिपादन !
रामनाथी – हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी ने कहा कि आरंभ में समिति की ओर से केवल हिन्दू त्योहारों के संदर्भ में शास्त्र बताने हेतु १-२ प्रवक्ता दूरदर्शन-वाहिनियों पर जाते थे; परंतु आगे चलकर धर्म पर हो रहे प्रत्येक आघात के विरुद्ध बोलने के लिए परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन अनुसार प्रवक्ताओं का एक समूह बना । उनके २ प्रशिक्षण शिविर बने । इसमें तैयार हुए ४० प्रवक्ताओं ने १०० से अधिक कार्यक्रमों में हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व किया है । अतः प्रवक्ताओं की समाचार-वाहिनियों के पत्रकारों तथा निवेदकों से हमारे संबंध स्थापित हुए । प्रवक्ताओं की अध्ययनशील वृत्ति से समाचार-वाहिनियों में समिति के प्रति एक आदर उत्पन्न हुआ है । साथ ही यह कार्यक्रम देखनेवाले राजनीतिक पक्षों के प्रतिनिधियों से निकटता बढी । इसके लाभस्वरूप जनांदोलन शासन तक पहुंचने में सहायता मिली । प्रवक्ताओं का अध्ययन देखकर कुछ व्यााख्यानमालाओं में हिन्दूविरोधी पंथियों के खंडन हेतु उसका लाभ हुआ । इसलिए प्रत्येक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन के कार्यकर्ताओं को धर्मरक्षा हेतु हिन्दू धर्म का प्रवक्ता बनने का प्रयास करना चाहिए ।