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एन.सी.ई.आर.टी. को हिन्दुओं की धर्मभावनाओं को कोई मूल्य नहीं – मुनीश्‍वर सागर, लेखक, ब्रेनवॉश रिपब्लिक

मुनीश्‍वर सागर, लेखक ‘ब्रेनवॉश रिपब्लिक’

रामनाथी (गोवा) – यहां हो रहे छठे अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में ‘हिन्दू धर्म की वैचारिक आक्रमणों से रक्षा !’ इस उद्बोधन सत्र में राष्ट्रीय शैक्षिक एवं अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद अर्थात एन.सी.ई.आर.टी. के इतिहासद्रोह के विरुद्ध संघर्ष कर ब्रेनवॉश रिपब्लिक पुस्तक का लेखन करनेवाले श्री. मुनीश्‍वर सागरजी ने कहा कि एन.सी.ई.आर.टी. के माध्यम से मिथ्या लेखन करना, संस्कृतद्वेष फैलाना, आर्य-अनार्य विघटनवादी सिद्धांत प्रस्तुत करना, हिन्दू राष्ट्रपुरुषों की जानकारी न देना, आक्रामकों की प्रशंसा करना, महिलाओं के अपमान के लिए हिन्दू धर्म को कारणभूत मानना आदि बातों के माध्यम से अपप्रचार किया जाता है । अतः हमने एन.सी.ई.आर.टी. के विरुद्ध पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में १ सहस्र १०० पृष्ठों की याचिका प्रविष्ट की । इसका उत्तर देने हेतु न्यायालय ने एन.सी.ई.आर.टी. को आदेश दिए; परंतु १ वर्ष के उपरांत एन.सी.ई.आर.टी. ने केवल हमारे सुधार मंगवाए हैं । इससे स्पष्ट है कि एन.सी.ई.आर.टी. को हिन्दुओं की धर्मभावनाओं का कोई मूल्य नहीं है !

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