छठे हिन्दू अधिवेशन के प्रथम दिन के सायं सत्र में ‘हिन्दू धर्म की वैचारिक रक्षा’ इस उद्बोधन सत्र में भारत रक्षा मंच, उडिशा के अनिल धीर द्वारा व्यक्त किए गए विचार !
रामनाथी (गोवा) – ओडिशा के भारत रक्षा मंच के महासचिव एवं भाजपा के ओडिशा के प्रवक्ता श्री. अनिल धीर ने कहा कि डेढ मास पूर्व देश के ४६ ज्येष्ठ इतिहास विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी से एक पत्र द्वारा कुछ जानकारी देकर महत्त्वपूर्ण मांगें की हैं । इन विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत के स्वाभाविक संस्कृति की रक्षा हेतु श्री. मोदीजी कदम उठाएं । वैश्विक हित हेतु भारत द्वारा चिकित्सकीय, गणिती आदि शास्त्रों में प्राचीन योगदान संसार के सामने लाएं । देश के पुरातत्व संग्रह के विषय में अक्षम्य अनदेखी करनेवाले केंद्रशासन के खातों पर सक्षम अधिकारी नियुक्त कर उन्हें मिलनेवाले निधि का सुयोग्य उपयोग करें । यह सब होने के लिए मोदीजी भारतीय पंचांग देश में लागू करें । भारतीयों का झूठा इतिहास परिवर्तित कर खरा इतिहास लिखवाकर लें । देश के २०० विद्यापीठों के राष्ट्रविरोधी कुलगुरुआें को हटाया जाए और हिन्दुआें में हिन्दुत्व के प्रति गर्व निर्माण किया जाए ! मैं भाजपा का हूं, तब भी मेरी मोदीजी से मांग है कि वे यह मांगें तुरंत मान्य करें !
क्षणचित्र
१. इस सत्र के समय बंगाल के हिन्दू आचार्य सभा के डॉ. शिबनारायण सेन, पू. उमेश शर्माजी उपस्थित थे ।
२. पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे सत्र का सार बताने के लिए व्यासपीठ पर गए, तब वहां बैठे सर्वश्री अनिल धीर, मुनीश्वर सागर एवं भरतकुमार शर्मा, तीनों उनके प्रति आदर व्यक्त करने के लिए खडे हो गए ।
३. इस समय इतिहासरक्षा एवं प्रसार (विशेष व्यवस्था) अधिनियम तत्काल लागू किया जाए, इसके लिए ९ प्रस्तावों द्वारा जोरदार मांग की गई ।