षष्ठ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में ‘विदेशी हिन्दुआें की रक्षा’ इस विषय पर आयोजित उद्बोधन सत्र में श्री. मुरली मनोहर शर्मा ने व्यक्त किए विचार !
रामनाथी (गोवा) : अन्य धर्मियों के कारण होनेवाली वैश्विक हानि एवं विश्व कल्याण हेतु हिन्दू धर्म की आवश्यकता इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए भारत रक्षा मंच के श्री. मुरली मनोहर शर्माजी ने कहा,
अ. आनेवाले काल में तृतीय विश्वयुद्ध की संभावना है और कहा जाता है कि ‘वह पानी के कारण होगा।’ परंतु उसी पानी की पूजा करना, गोमाता, पर्यावरण एवं सर्व प्राणीमात्रों की पूजा करना यह सब हिन्दू धर्म ने सिखाया है । इसलिए भारतीयों के पास इन सब की न्यूनता (कमी) नहीं है । यह सीख अन्य राष्ट्रों को देने की आवश्यकता है । अनेक विदेशी विचारक आज भी भारत की ओर आशा से देखते हुए कहते हैं कि हिन्दुत्व ही देश को बचा सकता है ।
आ. हमारे धर्म ने अनादि काल से नारीपूजा और कन्यापूजन करना सिखाया है । इसके विपरीत विदेश में महिलाआें को मतदान का अधिकार १९ वीं शताब्दी में मिला है । इससे भारतीय एवं पाश्चात्य संस्कृति के बीच भेद ध्यान में आएगा ।
इ. पर्यावरण को बचाने का संदेश प्राचीन काल में राजा-महाराजाआें के काल से दिया जा रहा है और उसके लिए आवश्यकता पडने पर बलिदान भी दिया है । संसारभर के पर्यावरण की हानि अन्य धर्मियों के कारण हुई है; क्योंकि विदेशी नागरिकों ने प्रकृति को उपभोग की वस्तु समझकर उसका उपयोग किया एवं प्राकृतिक साधनसंपत्ति नष्ट की । भारतीयों ने प्रकृति का संवर्धन किया है । हमारे धर्म ने पर्यावरण की हानि रोकना सिखाया है । इसलिए हमें अपने धर्म के प्रति गर्व होना चाहिए ।
ई. आज अनेक देश भारत से पृथ्वी को बचाने का आवाहन कर रहे हैं ।
उ. भारत, बांग्लादेश एवं श्रीलंका में हिन्दू राष्ट्र बनने पर वहां की सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी ।