रामनाथी (गोवा) – हिंदु जनजागृती समिती के श्री. आनंद जाखोटिया ने ‘आपत्कालीन व्यवस्थापन’ इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, भविष्यकथन की विविध प्रचलित पद्धतियों में से एक नाडीभविष्य में कहा गया है कि, आगामी कुछ दिनों में पृथ्वी के ६५ से ७५ राष्ट्रों में प्रतिदिन कुछ न कुछ होगा । प्राकृतिक आपदा अथवा अराजक जैसी स्थिति एक ही समय उत्पन्न होगी । ऐसे आगामी भीषण काल में हमें धर्मबंधुता के नाते हिन्दुआें की सहायता के लिए तैयार रहना होगा । जनता को संकट के समय आधार देने पर ही उनका विश्वास प्राप्त करना हिन्दू संगठनों के लिए संभव होगा । आगे जनता को हिन्दू राष्ट्र के लिए सक्रिय किया जा सकेगा । इसलिए भारत में कहीं भी आपदा आए, हमें संगठित रूप से हिन्दुआें की सहायता करने के प्रयास करने हैं । आपदाआें का सामना कब करना पड जाए,कहा नहीं जा सकता । इसलिए ऐसे काल में धर्मबंधुआें की संगठित सहायता करने के लिए प्रशिक्षण की नितांत आवश्यकता है । इस अधिवेशन के माध्यम से भारत में कहीं भी आपदा आए, तो हम सभी संगठनों को धर्मबंधुआें की सहायता के लिए संगठित रूप से कार्य करना है । इससे पहले उत्तराखंड की जलप्रलय के समय ३ हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने, और नेपाल में भूकंप के समय भारत के ५ और नेपाल के ५ संगठनों ने मिलकर सहायता कार्य किया था । किसी समय अत्यंत विकट स्थिति में हमें सर्व प्रकार की तैयारी रखनी होगी ।