Menu Close

श्रीलंका के हिन्दुआें की रक्षा के लिए सर्वत्र के हिन्दुआें को आगे आना  आवश्यक – मरवनपुलावू सच्चिदानंदन, श्रीलंका

षष्ठ हिन्दू अधिवेशन में द्वितीय दिवस के सत्र में ‘विदेशी हिन्दुआें की रक्षा’ इस उद्बोधन सत्र में विदेशी हिन्दुआें की समस्याएं हुईं उजागर !

मरवनपुलावू सच्चिदानंदन, श्रीलंका

विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी, गोवा – दो सप्ताह पूर्व ही एक बौद्ध संगठन ने श्रीलंका को ‘बौद्ध राष्ट्र’ घोषित किया । आज श्रीलंका में २ जनपद मुसलमानबहुल हैं; परंतु ३० वर्ष पूर्व वहां हिन्दुआें की संख्या ३० प्रतिशत थी, जो अब घटकर १५ प्रतिशत हो गई है । श्रीलंका में ईसाईयों की संख्या भी निरंतर बढ रही है । वहां गरीब हिन्दुआें को आर्थिक प्रलोभन देकर योजनाबद्ध पद्धति से उनका धर्मपरिवर्तन किया जा रहा है । इसलिए श्रीलंका के हिन्दुआें की रक्षा के लिए हिन्दुआें को आगे आना आवश्यक है । एशिया खंड के सर्व हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों तथा राजकीय पक्ष श्रीलंका आएं और वहां के हिन्दुआें की रक्षा के लिए हमारी सहायता करें, ऐसा आवाहन श्रीलंका से अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में आए हुए श्री. मरवनपुलावू सच्चिदानंदनजी ने किया । वे १५ जून को संपन्न ‘विदेशी हिन्दुआें की रक्षा’ इस उद्बोधन सत्र में बोल रहे थे । इस सत्र में ‘बांग्लादेश मायनॉरिटी वॉच’ के अधिवक्ता रवींद्र घोष, ‘स्पिरिच्युअल साइन्स रिसर्च फाऊंडेशन’ के पू. सिरियाक वाले और ‘भारत रक्षा मंच’ के श्री. मुरली मनोहर शर्माजी ने मार्गदर्शन किया ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *