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बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद आज तक १५ लाख से अधिक हिन्दुआें की हत्या की गई है – अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष

गोवा में हो रहे षष्ठ हिन्दू अधिवेशन के द्वितीय दिवस के सत्र में ‘विदेशी हिन्दुआें की रक्षा’ इस उद्बोधन सत्र में विदेशी हिन्दुआें की समस्याएं हुईं उजागर !

अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष, अध्यक्ष बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच, बांग्लादेश

रामनाथी (गोवा) – ‘बांग्लादेश के हिन्दुआें पर होनेवाले अत्याचार और उपाय’ इस विषय पर बोलते समय बांग्लादेश मायनॉरीटी वॉच  के ६५ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर के अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोषजी ने बताया कि, बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए हिन्दू लडे । उसके बदले में उन्हें क्या मिला, यह प्रश्‍न उपस्थित हो रहा है । बांग्लादेश जब से स्वतंत्र हुआ है, तब से आज तक वहां  १५ लाख से अधिक हिन्दुआें की हत्या की गई है । स्वतंत्रता के पश्‍चात वहां के शासन ने संविधान में इस्लाम धर्मानुसार आचरण करने की धारा घुसाई । तब से निरंतर वहां के हिन्दुआें की धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार नकारा जा रहा है। वहां के हिन्दुआें को किसी प्रकार का न्याय अथवा अधिकार नहीं मिलता, अपितु हिन्दुआें की भूमि बलपूर्वक दबा ली गई ।

हिन्दू लडकियों का अपहरण कर अत्याचार किए जाते हैं । एक हिन्दू शिक्षिका के साथ एक स्थानीय राजकीय नेता ने भरे चौक में अभद्र व्यवहार कर उसे अपमानित किया । विद्यालय के बुद्धिमान हिन्दू विद्यार्थियों को मारा जाता है । अभी तक बांग्लादेश के ३ सहस्र ३३६ मंदिर तोडे गए हैं । ऐसे विविध प्रकार से हिन्दुआें पर अत्याचार और अन्याय किया जाता है तथा उस प्रत्येक घटना के विरोध में ‘बांग्लादेश मायनॉरिटी वॉच’ संघर्ष कर रहा है । हिन्दू धर्म और हिन्दू समाज पर अन्याय करनेवाला कोई भी हो, उसे न्याय दिलवाने के लिए न्यायालय में जाने तथा अंतिम श्‍वास तक लडने की हमारी तैयारी है ।

क्षणिकाएं

१. हिन्दू जनजागृति समिति के प्रति अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोषजी के गौरवोद्गार बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुआें के लिए हम कार्य कर रहे हैं, उसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति हमें समर्थन और प्रेरणा दे रही है । उनकी शुभकामनाएं सदैव हमारे साथ हैं । परात्पर गरु डॉ. आठवलेजी के आशीर्वाद भी हमें प्राप्त हैं ।

२. श्री. सच्चिदानंदन बोले कि, मेरी आयु अब ७६ वर्ष है और मैं कभी भी संसार से विदा ले सकता हूं; परंतु मुझे लगता है कि ‘हिन्दुआें के उद्धार के लिए हिन्दू राष्ट्र आना चाहिए ।’ इस समय उपस्थित धर्माभिमानियों ने घोषणाएं दी कि, ‘रामनाम सब गाएंगे, हम सब लंका जाएंगे ।’

३. श्रीलंका के हिन्दुआें के लिए कार्यरत १ सहस्र कार्यकर्ताआें की ‘तमिली शिवसेना’ द्वारा किए जा रहे कार्य का भी उल्लेख श्री. सच्चिदानंदनजी ने किया और शिवसेना द्वारा रचित ग्रंथ ‘हिन्दू तमिळीळम् ’ लेने का सबको आवाहन किया ।

४. श्री. मुरली मनोहर शर्माजी ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि, ‘श्रीलंका में जाने के लिए मेरा नाम पहले क्रमांक पर होगा ।’

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