रामनाथी (गोवा) – यहां चल रहे अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में १५ जून को आयोजित ‘लव जिहाद एवंं धर्मांतर को प्रतिबंध आवश्यक’ विषय पर उपरोक्त चर्चासत्र में कहा कि, भारत स्वतंत्र होने के पश्चात अंग्रेज देश छोड कर गए; परंतु मिशनरी विद्यालयों के माध्यम से आज भी भारतियों पर अंग्रेजों का ही प्रभाव है । मिशनरियों द्वारा चलाए जानेवाले विद्यालयों में उच्चवर्ग के बालक जाते हैं, जो आगे जाकर हिन्दू संस्कृतिविरोधी विचारधारा के बन जाते हैं । कोई आपत्ति आने पर सहायता करने के नाम पर ईसाई संगठन वहां तत्काल पहुंच जाते हैं एवं उसका उपयोग संकट में रहनेवालों का धर्मांतर करने के लिए करते हैं । पूर्वोत्तर राज्यों में भी आज ईसाईयों की ओर से होनेवाले धर्मांतर की समस्या गंभीर है । इसीलिए यह राष्ट्र ‘हिन्दू राष्ट्र’ बना तो ही हिन्दू बच पाएंगे ।