पौष कृ. १, कलियुग वर्ष ५११४
प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) : सनातन धर्म एवं संस्कृति इस समय घोर संकटमें है । सनातन धर्म विरोधी कुछ बहरूपिये स्वयं शंकराचार्य बनकर धर्मके नामपर लोगोंको ठग रहे हैं । दुर्भाग्यकी बात यह है कि तीर्थराज प्रयागके कुंभ पर्वमें भी वे सक्रिय हैं तथा प्रशासन उनके संकेतोंपर नाच रहा है । हम ऐसे बहरूपियोंका खरा स्वरूप उजागर करनेके लिए संघर्ष कर रहे हैं । शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंदजीके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदने दैनिक जागरणके प्रश्न पहर कार्यक्रममें ये बातें कहीं ।
उन्होंने आगे कहा कि मेला क्षेत्रमें भूमि लेना हमारा ध्येय नहीं है अपितु मुख्य उद्देश्य शंकराचार्योको सम्मान दिलवाना है । उन्होंने कहा कि शंकराचार्यके नामपर लोगों में जो भ्रम है उसे दूर करनेके लिए ही चतुष्पदकी मांग की जा रही है, जिससे सभी शंकराचार्य एक स्थानपर रह सकें ।
उत्तरप्रदेशका सत्ताधारी समाजवादी दलकी अखिलेश सरकार २०१४ में होनेवाले लोकसभाके सार्वत्रिक चुनावोंके लिए महाकुंभ मेलेका उपयोग पक्षके प्रचारके लिए कर रही है । मेलेमें सरकारकी उपलब्धियों, नीतियों एवं भावी जनकल्याणकारी योजनाओं का भरपूर प्रचार-प्रसार किया जाएगा । इसलिए अखिलेश सरकार इस दौरान प्रचार-प्रसारपर करोडों रुपये व्यय करने जा रही है । इसके लिए सूचना विभागको सवा छ: करोड रुपये दिए गए हैं । (जनताका पैसा अपने प्रचारके लिए उडानेवाले समाजवादी दलका जनताद्वारा वैधानिक (कानूनन) मार्गसे विरोध करना चाहिए तथा उन्हें आगामी चुनावोंमें सबक सिखाना चाहिए ! – संपादक)
कुंभमें बनेगी मंदिर निर्माणकी योजना ! – डॉ. प्रवीण तोगडिया
मऊ (उत्तरप्रदेश) : हिंदू जागरणपर निकले विश्व हिंदू परिषदके अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडियाने पत्रकारोंसे बातचीत करते समय कहा कि अयोध्यामें भगवान रामचंद्रजीकी जन्मभूमिपर भव्य मंदिर निर्माणके लिए कुंभमें होने वाले संत महासम्मेलनमें योजना बनेगी । वहीं तिथिकी घोषणा की जाएगी ।
उन्होंने आगे कहा कि विश्व हिंदू परिषद आदिवासी एवं वनवासी क्षेत्रोंमें ४५ सहस्रसे अधिक सेवा प्रकल्प चला रही है । इसके माध्यमसे निर्धनोंकी शिक्षा, स्वास्थ्य, मकान आदिकी व्यवस्था करते हुए उन्हें राष्ट्रकी मुख्यधारासे जोडनेका कार्य किया जा रहा है । इसके परिणामस्वरूप गत १० वर्षोंमें पांच लाख ईसाई तथा दो लाख मुसलमान पुन: हिंदू धर्ममें वापस लौटे हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात