अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में १५ जून को आयोजित ‘लव जिहाद एवंं धर्मांतर को प्रतिबंध आवश्यक’ विषय पर आयोजित चर्चासत्र !
रामनाथी (गोवा) – स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने कहा है कि ‘धर्मांतर राष्ट्रांतर ही है ।’ इसलिए धर्मांतरितों का शुद्धिकरण करने पर भी हमें बल देना चाहिए । हिन्दुओं के अनेक धर्मग्रंथों में धर्मांतरितों को स्वधर्म में लेने के विषय में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है । इन में अर्थववेद तथा देवल स्मृति ये कुछ महत्त्वपूर्ण ग्रंथ हैं । गोवा राज्य में प.पू. भाऊ मसुरकर ने भी भारी संख्या में धर्मांतरितों का शुद्धिकरण किया था । सनातन संस्था ने भी वर्ष २०१४ से शुद्धिकरण का अभियान हाथ में लिया है एवंं परधर्म में गए लोगों का शुद्धिकरण तथा परधर्मीय यदि हिन्दू धर्म में आना चाहते हैं तो उनका भी शुद्धिकरण, दोनों प्रकार से कार्य चल रहा है ।