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बंगाल के २१ मंदिरों में प्रति मास धर्मशिक्षा देने से हिन्दू-संगठन प्रारंभ – बिकर्ण नासकर, हिन्दुत्वनिष्ठ, बंगाल

छठे अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन का दूसरा दिन

बिकर्ण नासकर, हिन्दुत्वनिष्ठ, बंगाल

रामनाथी (गोवा) – ‘मंदिरों के माध्यम से हिन्दू-संगठन’ इस विषय पर किए प्रयासों के अनुभवकथन करते हुए श्री. नासकर बोले कि,

१. देशभर के किसी भी राज्य में हिन्दुआें पर अत्याचार अथवा अन्याय होने पर अन्य राज्यों के हिन्दू शांत रहते हैं ।

२. शिक्षा में संस्कार और हिन्दुत्व न सिखाकर धर्मनिरपेक्षता ही सिखाई जाती है । बुद्धिवादी वर्ग धर्मनिरपेक्षतावादी बन गया है ।

३. बंगाल मेें प्रतिदिन १०० से अधिक हिन्दुआें पर अन्याय किया जा रहा है; परंतु उनका समाचार एक भी प्रसारमाध्यम नहीं दिखाता ।

४. वहां एक सरकारीकरण हुए देवी के मंदिर का कार्य मुसलमान अधिकारी व्यक्ति देखनेवाला है । इसलिए उनका कहा और आदेश हिन्दुआें को मानना ही पडेगा । बंगाल के तारापीठ स्थित देवी के मंदिर का सरकारीकरण करने के उपरांत शासन ने दान स्वरूप एकत्रित राशि समाज को धर्मशिक्षा देने में व्यय नहीं की ।

५. बंगाल के २१ मंदिरों में सुबह तडके नामजप लगाया जाता है तथा उन मंदिरों के माध्यम से हिन्दुआें को प्रति मास धर्मशिक्षा दी जाती है । उसमें उस मास में आनेवाली  ग्यारस, त्योहार, उत्सव आदि के संबंध में अवगत कराया जाता है ।

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