रामनाथी (गोवा) – १५ जून को अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में पुरातत्व विभाग के हिन्दूविरोधी नियम इस विषय पर मार्गदर्शन करते समय श्री. अनिल धीर ने कहा कि, पुरातत्व विभाग वर्ष १८८२ में अंग्रेजों ने आरंभ किया था । उसके नियमों में अबतक एक भी राज्यकर्ता ने कोई परिवर्तन नहीं किया है । देश में पहले घटित घटनाआें और हिन्दुआें के श्रद्धास्थानों के विषय में इस विभाग का आचरण हिन्दूविरोधी दिखाई देता है । वर्तमान शासन से इस विभाग से संबंधित अनेक अपेक्षाएं थीं; परंतु आज तक अपेक्षित परिवर्तन नहीं हो पाए हैं । संस्कृतिमंत्री के अधिकारक्षेत्र में विविध प्रकार के ३६ प्रतिष्ठान आते हैं, जिनमें पुरातत्व विभाग भी है । उन प्रतिष्ठानों के अधिकारियों की मानसिकता साम्यवादी है । उनका स्थान लेने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ व्यक्तियों का न मिलना खेदजनक है ।