कराची : पाकिस्तान के सिंध प्रांत की एक उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक हिन्दू किशोरी को अपने मुस्लिम पति के साथ रहने की अनुमती दी। दरअसल, कुछ ही दिन पहले उसके परिवार के लोगों ने आरोप लगाया था कि, उसे अगवा किया गया, उसका जबरन धर्मांतरण किया गया और उसका विवाह करवाया गया।
सिंध उच्च न्यायालय की हैदराबाद के एक न्यायाधीश की एक पीठ ने गुलनाज शाह को अपने पति के साथ रहने की अनुमती दी। गुलनाज का पहले का नाम रविता मेघवार है। लडकी के परिवार के साथ हिन्दू समुदाय ने पुलिस के पास यह शिकायत दर्ज कराई थी कि रविता (१६) को अगवा कर लिया और उसका जबरन धर्मांतरण कराया गया। गुलनाज को एक दिन पहले दारूल अमन आश्रय गृह में भेजा गया था।
लडकी के परिवार वालों की ओर से रखे गए वकील ने दलील दी कि, उनकी बेटी अपने पति के दबाव में है। परंतु, खबर के अनुसार, गुलनाज ने गुरुवार को न्यायाधीश से कहा था कि, उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है।
स्त्रोत : खबर इंडिया
१७ जून २०१७
पाकिस्तान में हिन्दू लडकी का धर्मांतरण, हिन्दू समुदाय में आक्रोश
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय की युवतियों को डरा-धमका कर धर्मांतरण कराने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में थार जिले में एक नाबालिग हिन्दू युवती का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। आरोपी ने रविता मेघवार (१६) का धर्मांतरण करा कर उसका नाम गुलनार रखा और निकाह कर लिया। इस घटना के बाद से हिन्दू समुदाय में आक्रोश है।
जानकारी के अनुसार, नगरपारकर इलाके के वनहारो गांव के प्रभावशाली सैय्यद समुदाय के लोगों ने ६ जून को नाबालिग रविता को अगवा कर लिया था। नाबालिग के पिता सतराम दास मेघवार ने बताया कि, सैय्यद समुदाय के लोगों ने उनके परिवार को नींद की गोली खिलाकर रविता को अगवा किया था। उनका आरोप है कि अनुरोध के बावजूद थार जिले की पुलिस ने धर्मांतरण होने तक उनकी बेटी को तलाश करने की कोशिश नहीं की।
मौलाना की ओर से जारी विवाह के प्रमाणपत्र में युवती को बालिग करार देते हुए उसकी आयु १८ वर्ष बताई गई है। साथ ही उसका नाम रविता से गुलनार करने का उल्लेख किया गया है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) पार्टी के सांसद और पाकिस्तान हिन्दू परिषद के अध्यक्ष रमेश कुमार वंकवानी ने घटना पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि हिन्दू विवाह कानून के अनुसार, १८ वर्ष से कम उम्र की हिन्दू युवती का धर्मांतरण नहीं कराया जा सकता है।
दबाव में बदला रविता का सुर
दबाव और डर की वजह से रविता के सुर बदल गए हैं। वह गुरुवार को पति नवाज अली शाह के साथ उमरकोट जिले में पत्रकारों से मिली। उसने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कबूलने और विवाह करने की बात कही। युवती ने बताया कि उसने समारो शहर में एक मौलाना के समक्ष इस्लाम धर्म अपनाया था।
रविता ने बताया कि उसे अगवा नहीं किया गया था। यहां तक कि उसने खुद और पति के लिए पुलिस सुरक्षा की भी मांग की है। मालूम हो कि पाकिस्तान में हिन्दू युवतियों का जबरन धर्मांतरण करा कर उनसे विवाह करने के मामले वर्षो से सामने आ रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग प्रभावशाली मुस्लिम समुदाय के समक्ष असहाय हो जाते हैं। स्थानीय प्रशासन भी पीडि़त की मदद नहीं करता है !
स्त्रोत : नई दुनिया