श्री विद्याधिराज सभागृह (रामनाथी) : भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा था कि, संविधान कितना भी अच्छा हो, उसका संचालन करनेवाले राज्यकर्ता यदि सक्षम न हों, तो लोकतंत्र विफल सिद्ध होता है । उसके अनुसार आज संसद के अनेक सदस्य भ्रष्ट और अपराधी होने के कारण लोकतंत्र की विफलता ७० वर्षों में ही सामने आ रही है । लोकतंत्र की व्यवस्था परिवर्तित करने के लिए समाज को निद्राधीन न रहते हुए लोकतंत्र द्वारा उपलब्ध करवाए गए मार्गों का उपयोग कर आगे आकर कृत्य करने पडेंगे । प्रदर्शन, जनहित याचिका, सूचना अधिकार का उपयोग, शिकायत, ज्ञापन तथा प्रत्येक न्यायोचित मार्ग अपनाकर लोकतंत्र की सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों के विरोध में व्यापक संघर्ष खडा करना पडेगा । यह संघर्ष ही आदर्श व्यवस्था की दिशा में अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने की दिशा में मार्गक्रमण होगा, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदेजी ने किया । वे षष्ठ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में १६ जून को ‘लोकतंत्र में फैली दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन’ इस विषय के उद्बोधन सत्र में वे मार्गदर्शन कर रहे थे ।