श्री विद्याधिराज सभागृह (रामनाथी) : षष्ठ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में १६ जून को ‘लोकतंत्र में फैली दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन’ इस विषय के उद्बोधन सत्र में ‘सनबर्न फेस्टिवल’ के विरोध में किए गए आंदोलन की सफलता के संदर्भ में अपना अनुभव बताते हुए श्री. अभिजीत देशमुख ने कहां कि, ‘सनबर्न फेस्टिवल’ के आयोजकों ने मनोरंजन कर न देने के कारण मुंबई उच्च न्यायालय के गोवा खंडपीठ ने उनपर गोवा में प्रतिबंध लगाया था । इसलिए आयोजकों ने संत और राष्ट्रपुरुषों की पवित्र भूमि पुणे में इस फेस्टिवल का आयोजन दिसंबर २०१६ में किया था । इसके लिए आयोजकों ने अवैध रूप से सडक बनाना, वृक्ष तोडना आदि अनुचित कृत्य किए थे । जिस गांव में उस कार्यक्रम का आयोजन किया था, वहां ग्रामपंचायत ने १० वर्ष पूर्व ‘संपूर्ण मद्यबंदी’ लागू की है । तब भी इस कार्यक्रम में मद्यपान और नशीले पदार्थों का सेवन किया गया; क्योंकि शासन और प्रशासन ने उनका समर्थन करते हुए विविध प्रकार की शासकीय अनुमतियां दी थीं । ऐसा होते हुए भी हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा किया तीव्र विरोध और सूचना अधिकारों का उपयोग करने के कारण शासन ने आयोजकों को अवैध कृत्यों के लिए कुल ३ करोड ३३ लाख रुपयों का दंड दिया । भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से इस आंदोलन को सफलता मिली ।