प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ नेता तथा तेलंगाना राज्य के भाजपा के विधायक टी. राजासिंह की सिंहगर्जना !
विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी, गोवा : लाठी-गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, ऐसा कहने के दिन अब नहीं रहे । राममंदिर के निर्माण के लिए हिन्दू-संगठन आवश्यक है । राजकीय, प्रशासकीय आदि किसी भी सहायता के बिना करोडों हिन्दुआें के संगठन से ही अयोध्या में राममंदिर का निर्माण होगा, ऐसा प्रतिपादन तेलंगाना राज्य के गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र के विधायक श्री. टी. राजासिंह ने किया । वे षष्ठ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के तृतीय दिन उपस्थित धर्माभिमानियों को संबोधित कर रहे थे । इस समय व्यासपीठ पर उज्जैन, मध्यप्रदेश के हिन्दू शौर्य जागरण अभियान के सचिव श्री. अरविंद जैन, जबलपुर, मध्यप्रदेश के हिन्दू सेवा परिषद के संपर्कप्रमुख श्री. नितिन सोनपल्ली एवं हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी उपस्थित थे ।
विधायक टी. राजासिंह ने आगे कहा, ‘‘सर्व प्रांतों में एक ही अडचन है कि, हिन्दू बिखरे हुए हैं । हिन्दू-संगठन में बडी शक्ति है । हिन्दू संगठित होने के कारण ही पिछले ५ वर्षों से भाग्यनगर में एक भी गाय की हत्या नहीं हुई है । अब हम बैलों की भी हत्या न हो, इसके लिए प्रयत्न कर रहे हैं । इसलिए हिन्दुआें को संगठित होना चाहिए । अभी आप हिन्दुत्व का कार्य करने के लिए स्वतंत्र हैं; पर जब आप राजनीति में प्रवेश करते हैं, तब हिन्दुत्व का कार्य करने में अनेक बंधन आते हैं । ‘हिन्दुआें का सर्वनाश करनेवाले अन्य पंथियों के विरुद्ध न बोलें’, ‘राममंदिर, गोरक्षा इस विषय में न बोलें’, ‘वन्दे मातरम’ न बोलनेवालों के विरोध में कुछ न बोलें’, ऐसी अनेक सूचनाएं ‘ऊपर’ से आने लगती हैं । कुछ लोग जब सत्ता में नहीं होते, तब राममंदिर और गोरक्षा का स्मरण होता है, सत्ता मिलने पर सब भूल जाते हैं । ऐसे लोग क्या राममंदिर की स्थापना कर पाएंगे ? जिस राजनीति में राममंदिर बनाने के विषय में बोला भी नहीं जाता, उस राजनीति का क्या लाभ ? राजनीति में आने से पहले १० बार सोचिए । उससे अच्छा है बडी मात्रा में हिन्दूसंगठन कीजिए । इससे मतों की राजनीति करनेवाला प्रत्येक नेता स्वयं आपके पास आकर आपसे समर्थन मांगेगा ।
विधायक श्री. टी. राजासिंहजी ने कथन किए राजनीति में रहकर कार्य करने के कुछ कटु अनुभव
इस समय श्री. टी. राजासिंह ने राजनीति में रहकर हिन्दुत्वरक्षा के लिए किए साहसी कार्य और उसका पक्षांतर्गत हुआ विरोध, इस विषय में आर्तता ने निम्नलिखित अनुभव बताए ।
१. केरल में रा.स्व. संघ के कार्यकर्ताआें और हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्या हो रही है । केरल के मुख्यमंत्री की एक बडी सभा का आयोजन मेरे निर्वाचन क्षेत्र में किया था । हमने पुलिस से कहा, ‘‘केरल के मुख्यमंत्री के सभास्थल के निकट मेरा भी व्यासपीठ होगा । वहां से हम गोरक्षा के विषय में बोलेंगे । इसके लिए हमें अनुमति दो ।’’ मुख्यमंत्री की सभा का प्रचार हो चुका था । हमने भी सामाजिक प्रसारमाध्यमों मेें प्रचार किया । परिणाम स्वरूप कानून-व्यवस्था का प्रश्न उत्पन्न न हो; इसके लिए मुख्यमंत्री की सभा वहां से निरस्त की गई । तदुपरांत पक्ष ने मुझसे पूछा, ‘‘मुख्यमंत्री की सभा निरस्त करने का अधिकार आपको किसने दिया ?’’ हमने कहा, ‘‘वर्ष १९६९ में रा.स्व. संघ के कार्यकर्ता की हत्या के आरोपी मुख्यमंत्री की सभा मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होने दूंगा ।’’
२. अच्छा कार्य करने पर लोग ध्यान में रखते हैं । मुझे अनेक क्रांतिकारियों का स्मरण होता है । उन्होंने धर्म के लिए बहुत कार्य किया है । हम सब भाग्यवान हैं । हम अखंड हिन्दू राष्ट्र के लिए लड रहे हैं । भगवान ने हमारे लिए यह कार्य लिखा है । हमें छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे बनना है । उसके लिए संगठित होना चाहिए ।
३. तेलंगाना सरकार द्वारा किया जा रहा धर्मांधों का तुष्टीकरण ! अभी रमजान का महीना चल रहा है । तेलंगाना सरकार ने रमजान के लिए ८ करोड रुपए का अनुदान दिया है । नमाज पढनेवालों को पानी के पैकेट देने के लिए सरकार ने ५ करोड रुपए दिए हैं । महानगरपालिकाआें को नमाज स्थल के गड्ढे भरने के लिए ५ करोड रुपए दिए हैं । राज्य की ५०० मस्जिदों को प्रत्येक २ लाख रुपए दिए हैं । प्रत्येक व्यक्ति को ५ किलो चावल और बिरयानी मसाला देने के लिए यह रकम दी है । राज्य में मुसलमानों को १२ प्रतिशत आरक्षण है । इतना आरक्षण और कहीं नहीं ।
४. अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन की अपकीर्ति करनेवाले प्रसारमाध्यमों का मुंहतोड प्रतिवाद अखंड हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने के लिए यह अधिवेशन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है । इस वर्ष भी अधिवेशन को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है । तब भी पिछले कुछ दिनों से सामाजिक प्रसारमाध्यम और देश के दिखावटी माध्यमों में खलबली मच गई है । ‘क्या हो रहा है फोंडा में ? हिन्दू आतंकवादी निर्माण किए जा रहे हैं क्या ?’, ऐसा वातावरण दिखावटी माध्यम निर्माण कर रहे हैं ।
वास्तव में अयोध्या में भव्य राममंदिर बनाना, अखंड हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना, गोरक्षा आदि सूत्रों पर हिन्दुआें का संगठन हो और उसमें सफलता मिले, इतना ही हिन्दू जनजागृति समिति का उद्देश्य है ।