रामनाथी, गोवा : ‘हिन्दुआें में शौर्य जागरण कैसे करें ?’ इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए श्री. अरविंद जैन ने कहा, ‘‘हिन्दुआें का संख्याबल अधिक है, पर हिन्दुआें के पास आज बाहुबल और विद्याबल नहीं । हनुमानजी को उनकी शक्ति का स्मरण करवाने पर उन्होंने लंका में जाकर सीतामाता की खोज की । हिन्दुआें को भी उसी प्रकार उनकी शौर्य परंपरा का स्मरण कराना आवश्यक है । हिन्दू पिछले १ सहस्र वर्षों से मुगल और ब्रिटिशों की यातना सह रहे हैं, इसका कारण भी शौर्य का विस्मरण ही है ।
इसके लिए . . .
१. शौर्यजागरण करनेवाले फलक सार्वजनिक स्थलों पर लगाएं ।
२. हिन्दूद्रोही कलाकारों के चलचित्र न देखें । उनके द्वारा विज्ञापन किए उत्पादों का उपयोग न करें । उस धन का उपयोग हमारे विरुद्ध आतंकवाद, लव जिहाद के लिए होगा ।
३. अन्य पंथियों के धर्मस्थल के सामने सिर न झुकाएं । ग्वालियर, बुरहानपुर, अजमेर आदि स्थानों की दरगाहों और मजारों पर अनेक हिन्दू जाते हैं । ये सब हिन्दुआें के पैसों पर चलते हैं ।
४. सनातन प्रभात हिन्दुआें का एकमात्र समाचारपत्र है । इसलिए सनातन प्रभात पढिए । बस, रेल्वे यात्रा में लोग समाचार पत्र पढते हैं । इसलिए सनातन प्रभात की प्रतियां सार्वजनिक स्थलों पर अपने पास रखें ।
५. हमने अपने क्षेत्र के संगठनों को एकत्रित कर हिन्दू सम्मेलन आयोजित किया । आप भी शौर्यजागरण के लिए संगठनों का संगठन करें ।
६. हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए अपना अहंकार छोडकर सनातन संस्था का साथ दें ।