षष्ठ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के तृतीय दिवस के सायं सत्र में ’इस्लामिक राष्ट्र या हिन्दू राष्ट्र’ इस विषय पर चर्चासत्र
रामनाथी : भाजपा हिन्दुत्व के सूत्र पर कार्य करेगी तथा आतंकवाद के विरोध में ठोस कृत्य करेगी ऐसा विचार कर देश के अनेक हिन्दू और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने अनेक अपेक्षाएं रखकर भाजपा को चुना; परंतु ये अपेक्षाएं पूर्ण होती दिखाई नहीं देती । भाजपा शासन यदि देश के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगा, तो ही भारत ‘इस्लामिक स्टेट’ बनने से बच सकेगा, ऐसा मत मुंबई ‘हिन्दू हेल्पलाइन’ के श्री. पारस राजपूतजी ने व्यक्त किया । वे ‘इसिस’ का संकट’ इस विषय पर बोल रहे थे ।
इस अवसर पर श्री. पारस राजपूत बोले…
१. ‘इसिस’ द्वारा आज ‘इन्स्पायर’ नामक मासिक पत्रिका चलाई जा रही है । इस मासिक पत्रिका में उजागर रूप से आतंकवादी आक्रमण करने के ५० सूत्र बताए गए हैं । इसमें बम बनाने से ‘लोन वुल्फ’ (अकेले व्यक्ति का आत्मघातकी पथक) बनकर आतंकवादी कार्यवाहियां करने से संबंधित जानकारी दी गई है ।
२. आज स्वच्छ भारत अभियान, शौचालय निर्माण की अपेक्षा आतंकवाद निर्मूलन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है ।
३. इस देश को ‘कैशलेस’ बनाने के स्थान पर इस्लामिक आतंकवाद की छाया से मुक्त करने के लिए अधिक प्रयत्न होने चाहिए ।
४. धर्मांधों का धर्म कर्करोग के समान है । उस पर सामाजिक जालस्थलों द्वारा नहीं, अपितु प्रत्यक्ष भूमि पर उतरकर प्रत्युत्तर देना पडेगा ।
‘हिन्दुत्वनिष्ठ विचारधारा का शासन आया है’, ऐसा कहते हैं तथा दूसरी ओर सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की बात की जाती है, कर्नाटक-तमिलनाडु-पश्चिम बंगाल में हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याएं हो रही हैं, यह अत्यंत दु:खदायक है, ऐसा श्री. राजपूत बोले.
विशेष
बाधाएं पार कर हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा अधिवेशनों का सफल आयोजन ! – पारस राजपूत
हिन्दू जनजागृति समिति ने यह षष्ठ अधिवेशन आयोजित किया है । अनेक बाधाएं पार कर यह अधिवेशन हो रहा है । गत ५ अधिवेशन आयोजित करना, सरल कार्य नहीं है, इसके पश्चात भी यह कार्य हिन्दू जनजागृति समिति ने कर दिखाया है, यह विशेष है’, इन शब्दों में श्री. पारस राजपूत ने समिति की प्रशंसा की । इस अवसर पर हिन्दुत्वनिष्ठों ने स्वयंस्फूर्ति से ‘भारत माता की, जय हो’, ‘वन्दे मातरम की, जय हो’, ऐसे नारे लगाए ।