रामनाथी, गोवा : ‘लष्कर-ए-हिन्द’ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पू. बाबा फलाहारी महाराज ने कहा कि, राष्ट्रोत्थान के कार्य में शिक्षा एवं धर्म ये दो घटक ही महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं । आज की शिक्षा प्रणाली से हम अपेक्षा नहीं कर सकते । केवल और केवल हिन्दू धर्म ही भारत को पुनर्वैभव प्रदान कर सकता है । संत ही हिन्दू धर्म के मुकुटमणी हैं । इसलिए सभी संत संगठित हों और अपने पूर्वजों द्वारा की गई ‘कृण्वन्तो विश्वम् आर्यम् ।’ अर्थात ‘विश्व को आर्य अर्थात सुसंस्कृत बनाएंगे’ इस घोषणा की पूर्ति हेतु हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें !