रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष स्वामी आत्म आस्थानंद जी महाराज का आज यहां लंबी बीमारी के बाद एक अस्पताल में निधन हो गया। वह ९८ वर्ष के थे। उनके नेतृत्व में भारत, नेपाल और बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में प्राकृतिक आपदा के दौरान बड़े राहत अभियान चलाए गए थे। आत्म आस्थानंद जी का फरवरी २०१५ से ही आयु संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था। रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ ने एक बयान में कहा कि, बेहतर इलाज के बाद भी उनकी स्थिति पिछले कुछ सालों में गिरती गयी तथा उनका रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान अस्पताल में शाम में साढे पांच बजे निधन हो गया। बयान में कहा गया है कि उनका अंतिम संस्कार कल रात साढ़े नौ बजे बेलूर मठ में किया जाएगा और बेलूर मठ के द्वार आज रात तथा कल उनके अंतिम संस्कार पूरा होने तक खुले रहेंगे।
The demise of Swami Atmasthananda ji is a personal loss for me. I lived with him during a very important period of my life. pic.twitter.com/eY3TKU41Xf
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2017
प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर शोक जताते हुए इसे ‘ ‘व्यक्तिगत नुकसान’ बताया। मोदी अपनी युवावस्था में संन्यासी बनने के लिए बेलूर मठ गए थे किंतु उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया था और कहा गया था कि उनकी कहीं अन्य स्थान पर जरूरत है। बाद में उन्हें राजकोट, गुजरात में स्वामी आत्म आस्थानंद का आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिला। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी स्वामीजी के निधन पर शोक जताया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर स्वामी आत्म आस्थानंद की मृत्यु पर शोक जताया। उन्होंने अपने ट्वीट में और भी कई बाते कहीं। मोदी ने स्वामी जी के लिए ट्वीट में लिखा- “स्वामी आत्म आस्थानंद जी अतुलनिय ज्ञान और बुद्धिमत्ता से धन्य थे। आने वाली पीढि़यां उन्हें उनके अनुकरणीय व्यक्तित्व के लिए याद रखेंगी।”
उन्होंने अपने एक और ट्वीट के जरिए बताया कि जब भी वह कभी कोलकाता जाएंगे तो वहां से बिना स्वामी जी का आशीर्वाद लिए नहीं लौटेंगे।
स्त्रोत : जनसत्ता