रामनाथी, गोवा स्थित सनातन के आश्रम में दो दिवसीय अधिवक्ता अधिवेशन का आरंभ
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रामनाथी (गोवा – हिन्दुओं के हित के लिए लडते समय सभी स्तरों पर विरोध सहन करना पडता है; परंतु इस स्थिति में भी स्थिर रह कर लगन से प्रयत्न करने पडते हैं । किसी भी परिस्थिति में स्थिर रह कर एवं मन लगा कर हिन्दुत्व के लिए कार्य करना चाहिए । ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु चारित्र्यसंपन्न एवं आणि धर्मबलसंपन्न अधिवक्ताओं की आवश्यकता है । उत्तरप्रदेश के हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस संगठन के अध्यक्ष तथा उत्तरप्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने ऐसा प्रतिपादित किया ।
१७ जून से यहां के सनातन के आश्रम में हिन्दू विधिज्ञ परिषद की ओर से दो दिवसीय अधिवक्ता अधिवेशन को आरंभ हुआ । इस अवसर पर वे बोल रहे थे ।
उन्होंने आगे कहा कि इस्लामीकरण से नष्ट हुई एवं हिन्दू अस्मिता से संबंधित सभी बातों का शोध लेना चाहिए । वर्तमान में धर्मांधों के बढते वर्चस्व को कानून से नियंत्रित कर सकते हैं । अधिवक्ताओं के पास कानून का शस्त्र है । इसका उपयोग कर हिन्दू एवं हिन्दुत्वनिष्ठों की रक्षा करनी चाहिए ।
इस अवसर पर संभाजीनगर जिला सत्र न्यायालय के निवृत्त न्यायाधीश सुधाकर चपळगावकर; लखनौ, उत्तरप्रदेश अधिवक्ता हरिशंकर जैन एवं हिन्दू विधिज्ञ परिषद के संस्थापक सदस्य तथा संभाजीनगर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुरेश कुलकर्णी ने दीपप्रज्वलन कर अधिवेशन का उद्घाटन किया । आरंभ में सनातन साधक-पुरोहित पाठशाला के साधक-पुरोहित श्री. अमर जोशी ने शंखनाद किया । स्वतंत्रता पूर्व कालावधि में अधिवक्ताओं का योगदान देश की स्वतंत्रता के लिए महत्त्वपूर्ण सिद्ध हुआ था । उसीप्रकार ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए भी अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण है । हिन्दू विधिज्ञ परिषद की गोवा कार्यालय की समन्वयक अधिवक्ता (श्रीमती) कावेरी राणे ने प्रस्तावना में कहा । इस अवसर पर सनातन की श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर ने वकिली व्यवसाय करते हुए आनंदी रहने हेतु आवश्यक साधना इस विषय पर अधिवक्ताओं को संबोधित किया ।
हिन्दू धर्म एवं हिन्दुुत्वनिष्ठों पर लगाए जानेवाले आरोपों के विरुद्ध अधिवक्ताओं को तत्परता से कृत्य करना आवश्यक ! – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद
हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने कहा कि हिन्दू धर्म एवं हिन्दुत्वनिष्ठों पर लगाए जानेवाले आरोपों के विरुद्ध अधिवक्ताओं को तत्परता से कृत्य करना आवश्यक है । हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में अधिवक्ताओं को तन-मन-धन से साqम्मलित होना चाहिए । हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए आवश्यक प्रयास प्राधान्य से करना अधिवक्ताओं का कर्तव्य ही है । हिन्दू विधिज्ञ परिषद का कार्य विशेष घटनाओं तक सीमित नहीं है, अपितु वह व्यापक स्तर का कार्य है । हिन्दुुत्वनिष्ठों का छल करनेवालों के विरुद्ध परिषद ने प्रत्येक स्तर पर कार्य किया है एवं अब सूचना अधिकार का उपयोग कर वैधानिक प्रक्रिया द्वारा हिन्दुुत्व को न्याय प्राप्त कराने हेतु प्रयासरत होना चाहिए ।
हिन्दुुत्वनिष्ठों को धर्मकार्य हेतु बल प्राप्त होने के लिए अधिवक्ताओं को सहायता करनी चाहिए ! – श्री. सुनील घनवट, महाराष्ट्र राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति
हिन्दू हित के लिए लडते समय यदि हिन्दुत्वनिष्ठों के पीछे अधिवक्ता खडे रहे, तो हिन्दुत्वनिष्ठ एवं उनके परिवारजनों को आधार मिलता है । हिन्दुओं को सहायता करना आवश्यक है । इसलिए कानून की प्राथमिक जानकारी देने तथा सूचना अधिकार का उपयोग करने के विषय में अधिवक्ता हिन्दुुत्वनिष्ठों को मार्गदर्शन कर सकते हैं । अधिवक्ताओं की सहायता से हिन्दुुत्वनिष्ठों को धर्मकार्य के लिए और बल मिल सकता है । हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य समन्वयक श्री. सुनील घनवट ने ऐसे विचार व्यक्त किए ।