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गोवा : प.पू. साध्वी सरस्वतीजी के विरोध में अपराध प्रविष्ट न करने के कारण कांग्रेस की ओर से प्रदर्शन, प्रतिमा का दहन

प.पू. साध्वी सरस्वतीजी ने गोमांस खाने के विरोध में वक्तव्य करने का प्रकरण !

अन्य कोई सूत्र न होने से कांग्रेसद्वारा कैसे भी प्रसिद्धि में रहने का दयनीय प्रयास !

पणजी : प.पू. साध्वी सरस्वतीजी ने गोमांस खाने के विरोध में वक्तव्य करने के प्रकरण में शासन ने उनके विरोध में अपराध प्रविष्ट न करने से गोवा स्थित कांग्रेस ने २३ जून को सायं यहां के कांग्रेस हाऊस के पास निदर्शन किए। इस अवसर पर प.पू. साध्वी सरस्वतीजी की प्रतिमा का भी दहन किया गया। (ईसाईयों का तुष्टीकरण करने हेतु राई का परबत बनानेवाली कांग्रेस ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इस अवसर पर उपस्थित कांग्रेस के पदाधिकारियों ने प.पू. साध्वी सरस्वतीजी के विरोध में अपराध प्रविष्ट करने की मांग की। गोवा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष तथा विधायक लुईजिन फालेरो ने इससे पूर्व ही प.पू. साध्वी सरस्वतीजी के गोमांस विरोधी वक्तव्य के अनुसार देश में असहिष्णुता बढने का दावा किया है एवं इस संदर्भ में एक लक्ष स्वाक्षरीवाला ज्ञापन राष्ट्रपति को देने की घोषणा की है।

प.पू. साध्वी सरस्वतीजी ने गोरक्षणार्थ किया हुआ जाज्वल्य वक्तव्य ! ! !

“गोमाता की हत्या एवं उसके विषय में अश्लाघ्य बोला जाता है। ऐसे लोगों के साथ साम, दाम, दंड एवं भेद की नीती अपनानी चाहिए। गोमाता की हत्या करनेवालों को फांसी का दंड देना चाहिए !” – प.पू. साध्वी सरस्वतीजी

(गोवा में गोहत्याबंदी कानून आस्तित्व में होते हुए साध्वी ने किए वक्तव्य में अयोग्य क्या है ? गोवा के ख्रिस्तीसमर्थक राजनीतिज्ञों को हिन्दूद्वेष का पीलिया होने के कारण पूरा जगत पीला दिखाई दे रहा है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक समान प.पू. साध्वी सरस्वतीजी पर भी कार्रवाई करें ! – भाजपा के विधायक ग्लेन टिकलोद्वारा मांग

पणजी – गोवा शासन ने प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ तथा श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक को गोवा के लिए प्रवेश प्रतिबंधित किया है। इसी आधार पर भाजपा के विधायक ग्लेन टिकलो ने मुख्यमंत्री पर्रीकर से गोमांस खाने के विरोध में कठोर वक्तव्य करनेवाली प.पू. साध्वी सरस्वतीजी पर भी कार्रवाई करने की मांग की है। विधायक टिकलो ने कहा कि प.पू. स्वाधी सरस्वतीजी का उपरोल्लेखित वक्तव्य अत्यंत अयोग्य है। (क्या, हिन्दुओं की धर्मभावनाओं को कुचल कर गोमाता का मांस खाना योग्य है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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