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यूनाइडेट किंगडम : कंपनी ने महिला को काला हिजाब पहनने से रोका, बताया “आतंक” का प्रतीक

यूनाइडेट किंगडम ट्रिब्यूनल में एक महिला ने अपनी कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला धार्मिक भेदभाव का भी हो सकता है। महिला की शिकायत के अनुसार, उसके नियोक्ताओं ने उसे दफ्तर में काला हिजाब पहनने से मना किया क्योंकि इससे आतंकवादी संबद्धता होने के संकेत मिलते थे। महिला ग्रेटर मैनचेस्टर में हार्वे डीन कंपनी के लिए बतौर इस्टेट एजेंट काम करती थी। मैनचेस्टर इम्प्लॉमेंट ट्रिब्यूनल में दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि उसे (महिला) को अपने हिजाब का रंग बदलने की सलाह दी गई। महिला ने अपनी शिकायत में दावा किया, “यह कंपनी के हित में होगा आप अपने हिजाब का रंग बदलें। हिजाब का रंग काला होने के चलते इसकी संबद्धता आतंकवाद से हो जाती है !” समाचार एजंसी पीटीआय के अनुसार महिला ने अपने नियोक्ताओं के इस ऑर्डर को मानने से इंकार कर दिया।

एक बैठक के दौरान महिला के ऑफिस का एक साथी कथित रूप से उसके लिए अलग-अलग रंग के हिजाब लेकर आया और उसने महिला से काला हिजाब बदलने की बात कही। महिला ने दावा किया है कि दफ्तर में उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद उसने ट्रिब्यूनल में शिकायत की है। शिकायतकर्ता कंपनी में काम करनेवाली इकलौती मुस्लिम महिला बताई जा रही है और उसके साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव होने की बात कंपनी के दूसरे अधिकारी ने कही है।

ट्रिब्यूनल को दी गई शिकायत में कहा गया है कि कंपनी के अधिकारियोंद्वारा किया गया बर्ताव बेहद अपमानजनक, शत्रुतापूर्ण और आक्रामक व्यवहार था। मामले को लेकर महिला के वकील जिल्लुर रहमान का मानना है कि यह मामला पूरे यूनाइडेट किंगडम में काफी अलग तरह का है। गौरतलब है यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस में जजों ने अपने फैसले में यह पाया था कि कंपनियां चाहे तो कर्मचारियों को बुर्का/हिजाब पहनने से रोक सकती है।

स्त्रोत : जनसत्ता

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