कार्तिक कृष्णपक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
बगदाद – तालिबान अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ लड़ाई और अफगानिस्तान पर कब्जा जमाए रखने के लिए बच्चों का इस्तेमाल कर रहा है और उन्हें युद्ध की ट्रेनिंग दे रहा है। तालिबान के गढ़ में बीबीसी की एक रिपोर्ट से इस बात की तस्दीक होती है। इसमें तीन साल के एक बच्चे को बंदूक के साथ दिखाया गया है, जो कहता है कि वह लोगों को मारेगा। फुटेज में अन्य तालिबान लड़ाके चेहरा ढंके हुए, बंदूकों और रॉकेट लॉन्चरों के साथ दिखाई देते हैं। 13 साल की लंबी लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से इस साल अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो फौजों की वापसी होनी है।
‘इनसाइड द तालिबान’ नाम की इस रिपोर्ट में लड़ाकों को ट्रेनिंग लेते और बंदूक, रॉकेट लॉन्चर सहित हर तरह का हथियार चलाते हुए दिखाया गया है। गूगल मैप की मदद से वे किस तरह अपने टारगेट की पहचान करते हैं, यह भी बताया गया है। तालिबान का गवर्नर मावलावी बद्री अफगानिस्तान में मोस्ट वॉन्टेड है और वह कहता है कि यहां के लोग मुसलमान हैं और वे इस्लामिक सरकार चाहते हैं। पश्चिमी देश ऐसा नहीं चाहते और वे हमारे दुश्मन हैं। गौरतलब है कि इराक और सीरिया के कई इलाकों पर कब्जा कर उसे इस्लामिक स्टेट घोषित कर चुके आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को हाल में ही तालिबान अपने समर्थन की घोषणा कर चुका है।
नाटो फौजों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान के फिर से मजबूत होने की आशंका जताई जा रही है। तालिबान मदरसों में कट्टरपंथ की शिक्षा देता है और बच्चों को युद्ध के लिए प्रेरित करता है। एक मदरसे में तालीम देने वाले इमाम अबू हनीफा ने बताया, “तालिबान यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे मदरसे में आएं। अगर कोई बच्चा गलती करता है तो तालिबान उसे सजा देता है।”
स्त्रोत : दैनिक भास्कर