श्री महालक्ष्मी मंदिर विवाद प्रकरण में शासनद्वारा नियुक्त समिति में नास्तिकतावादी एवं पुरोगामी लोग नहीं चाहिए !
कोल्हापुर : श्री महालक्ष्मी मंदिर विवाद निपटाने हेतु शासनद्वारा नियुक्त समिति में देवी के भक्त, धार्मिक क्षेत्र के अभ्यासक तथा देवीभक्तों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करना चाहिए। इस समिति में जातीयवादी, नास्तिकतावादी एवं पुरोगामी लोगों को सम्मिलित न करें। यदि इस बात पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया, तो हिन्दुवनिष्ठ संघटन सडक पर उतर कर इसका विरोध करेंगे !
२८ जून को श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति की ओर से जिलाधिकारी श्री. अविनाश सुभेदार को प्रस्तुत किये गए ज्ञापन के माध्यम से ऐसी चेतावनी दी गई है। इस अवसर पर तहसिलदार श्री. दिलीप सावंत ने जिलाधिकारी की ओर से यह ज्ञापन का स्वीकार किया। हिन्दुत्वनिष्ठों में श्री. संभाजी साळुंखे, श्री. शरद माळी, श्री. किरण कुलकर्णी, श्री. प्रमोद सावंत, श्री. सुनील पाटिल, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र संघटक श्री. सुनील घनवट, समिति के श्री. मधुकर नाजरे, श्री. शिवानंद स्वामी तथा श्री. बाबासाहेब भोपळे आदि उपस्थित थे।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि,
१. साढे तीन शक्तिपीठों में से एक रहा कोल्हापुर का श्री महालक्ष्मी मंदिर करोडो लोगों का श्रद्धास्थान है। पिछले ३ सप्ताह से इस मंदिर विवाद के कारण यहां जातीय तनाव उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए यहां आनेवाले भक्तों के मन में भी भय व्याप्त हो गया है !
२. इस मंदिर के श्रीपूजकों ने श्री महालक्ष्मीदेवी को ‘घागरा-चोली’ पहनाने पर विवाद उत्पन्न हुआ। इस घटना का जितना भी विरोध करें, न्यून ही है। परंपरा से चली आयी वेशभूषा को बदल कर श्रीपूजकों ने श्री महालक्ष्मीदेवी को ‘घागरा-चोली’ की वेशभूषा में प्रस्तुत कर भक्तों की भावनाएं आहत की हैं। अतः संबंधित पुजारियों पर कार्रवाई करें ! सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों ने ऐसा दृष्टिकोण अपनाया है; परंतु इस घटना का लाभ उठा कर देव-धर्म न माननेवाले कुछ लोग स्वयं का पुरोगामी, नास्तिकतावादी एवं परंपराओं को नष्ट करनेवाला ‘अजेंडा’ चलाना चाहते हैं !
३. कोल्हापुर मंदिर विवाद मिटाने हेतु पालकमंत्री श्री. चंद्रकांत पाटिल ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त कर उसकेद्वारा ३ माह में श्रीपूजकों के अधिकार के संदर्भ में एक ब्यौरा शासन के विधि एवं न्याय विभाग को भेजा जाएगा, ऐसा घोषित किया है !
४. उपरोक्तानुसार जिनका धर्म एवं देवी-देवताओं के संदर्भ का अध्ययन नहीं है एवं देवी-देवता एवं धर्म पर श्रद्धा भी नहीं है, ऐसे कुछ नास्तिकतावादी एवं पुरोगामी लोग समिति में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे हैं !
५. ये लोग बैठक में विवाद उत्पन्न कर प्रसारमाध्यमोंद्वारा सर्वत्र फैलाने का प्रयास कर जिले में कानून एवं सुरक्षा बिगाडने का प्रयास कर सकते हैं। जिस बैठक में आप स्वयं उपस्थित थे, उसमें इस विरोधी मानसिकतावाले लोगोंने श्रीपूजक श्री. अजित ठाणेकर के साथ मारपीट की यह इसका प्रमाण ही है ! इसलिए यदि आपने (जिलाधिकारी ने) इस सूचना की उपेक्षा की एवं इस कारण कुछ विवाद उत्पन्न होता है, तो आप स्वयं पूर्णत: उत्तरदायी होंगे, हम ऐसी सूचना दे रहे हैं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात