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श्री तुलजाभवानी मंदिर संस्थान अपहार : न्यायालयद्वारा सुनवाई हेतु पुलिस उपमहासंचालक को ३० जून को उपस्थित होने के आदेश

श्री तुलजाभवानी मंदिर संस्थान में अपहार

संभाजीनगर : श्री तुलजाभवानी मंदिर संस्थान का सोना, चांदी, दानपेटी एवं संस्थान की भूमि के अपहार प्रकरण में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय के संभाजीनगर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रविष्ट की गई है। इस प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति श्रीमती मंजुळा चेल्लुर एवं न्यायमूर्ति श्री. आर.एम. बोरडे के द्विसदस्यीय खंडपीठ के सामने २८ जून को हुई।

इस समय खंडपीठ ने पुलिस उपमहासंचालक को ३० जून को सुनवाई के लिए उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। इस अवसर पर समिति की ओर से हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता श्री. सुरेश कुलकर्णी ने पक्ष प्रस्तुत किया एवं अधिवक्ता श्री. पंकज गायकवाड तथा अधिवक्ता श्री. उमेश भडगावकर ने उन्हें सहायता की तथा शासकीय अधिवक्ता श्री. ए.बी. गिरासे उपस्थित थे।

श्री तुलजाभवानी मंदिर संस्थान में वर्ष १९९१ से २००९ इन १९ वर्षों की अवधि में दानपेटी की नीलामी करते समय अयोग्य एवं झूठी प्रविष्टि करने से संस्थान की करोडो रुपयों की हानि हुई है तथा इस दानपेटी घोटाले में देवस्थान का १२० किलो सोना एवं ६०८ किलो चांदी की लूट हो चुकी है। साथ ही संस्थान की २६५ एकड जमीन भी हडप गई है। इस प्रकरण से २१ जिलाधिकारी एवं अन्य न्यासियों का संबंध है। समिति का कहना है कि, वर्तमान में ये अधिकारी उच्चपद पर कार्यरत हैं एवं अन्य न्यासी नेता बन गए हैं। इसीलिए यह जांच प्रलंबित हुई है !

संक्षेप में, इस प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में लेते हुए ‘हिन्दू जनजागृति समिति’द्वारा प्रविष्ट इस याचिका में ऐसी मांग की गई है कि, ‘इस प्रकरण की विस्तृत रूप से जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्युरो (सीबीआय) अथवा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की समिति के मार्गदर्शन में हो !’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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