उडुपी के श्रीकृष्ण मठ में की गई ‘इफ्तार पार्टी’ के संदर्भ में . . .
मंगलुरू (कर्नाटक) : श्रीराम सेना के नेता श्री. प्रवीण वाळके ने पत्रकार परिषद में यह सूचना दी है कि, ‘पेजावर श्री विश्वेशतीर्थ स्वामी ने मठ में इफ्तार पार्टी का आयोजन कर सभी हिन्दुओं का अनादर किया है। स्वामीजी हिन्दुओं के मार्गदर्शक होते हुए भी उन्होंने इस प्रकार की कृती कर महान अपराध किया है। इसका विरोध करने हेतु श्रीराम सेना २ जुलाई से कर्नाटक राज्य में आंदोलनों का आयोजन करेगी !’ उस समय हिन्दू महासभा के श्री. धर्मेंद्र, हिन्दू जनजागृति समिति के दक्षिण कन्नड जनपद समन्वयक श्री. चंद्र मोगेर तथा अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे।
समिति के श्री. चंद्र मोगेर ने कहा कि, ‘काश्मीर में हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचारों पर तथा उन्हें वहां से नौ दो ग्यारह करने पर किसी भी मुसलमान ने सौहार्द की भाषा नहीं की थी ! गोहत्याबंदी का स्वागत कोई भी मुसलमान नहीं करता। यदि मुसलमान सौहार्द की अपेक्षा रखते हैं, तो लव्ह जिहाद का विरोध क्यों नहीं करते ? मंगलुरू के कलकड्डम में हिंसा के पश्चात मुसलमानों ने सौहार्द का पालन क्यों नहीं किया ? मूर्तिपूजा का विरोध करनेवालों ने मठ में नमाजपठन तथा इफ्तार करने की अनुमती देकर स्वामीजी ने अपराध ही किया है। इस से वे कौनसा संदेश देना चाहते हैं ? गांधी ने भी मुसलमानों के साथ बंधुभाव रखने का प्रयास किया था। इस का परिणाम हिन्दुओं की हत्या में हुआ। हिन्दुओं को सौहार्द का प्रयास करने की आवश्यकता ही नहीं है। ये प्रयास अन्य धर्मियों ने करने चाहिए। इस घटना से यह प्रतीत होता है कि, स्वामीजी को कितनी धर्मशिक्षा की आवश्यकता है !
एक पत्रकार ने प्रश्न पूछा कि, ‘आप सभी मुसलमानों को लक्ष्य क्यों कर रहे हैं ? मुसलमानों में भी अच्छे लोग हैं ?’ पत्रकार के इस प्रश्न पर श्री. मोगेरे ने उत्तर दिया कि, ‘जो अच्छे हैं, देशभक्त हैं, उन्हें अपने आप सामने आना चाहिए । हम उन्हें ढूंढने के लिए नहीं जाएंगे !’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात