अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये साधू संतों के आंदोलन तेज करने की खबरों के बीच कल मुस्लिम समाज के करीब १५ लोग बाराबंकी के देवा शरीफ दरगाह में चादर चढ़ाकर अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिये मन्नत मांगेगे और चादर चढ़ायेंगे। देवा में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह राजधानी लखनऊ से करीब ४५ किलोमीटर दूर है। श्री राम मंदिर निर्माण मुस्लिम कारसेवक मंच के अध्यक्ष मो आजम खान ने २ जुलाई को भाषा को बताया कि कल राम मंदिर निर्माण मुस्लिम कारसेवक मंच के करीब १५ कार्यकर्ता अयोध्या जायेंगे और वहां दरगाह पर चादर चढ़ाकर दुआ मांगेंगे कि अयोध्या में राम लला का भव्य मंदिर बनें !
आजम ने कहा कि अगर अयोध्या में राम जन्म भूमि पर जहां उनका जन्म हुआ था भव्य राम मंदिर का निर्माण हो गया तो हम दरगाह पर १००० गरीब लोगों को भोजन करायेंगे तथा दरगाह पर सोने चांदी की चादर भी चढ़ाएंगे। देवा में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह काफी मशहूर है और यहां हिन्दू मुस्लिम दोनों धर्मो के लोग अपनी मन्नते मांगने आते हैं। यहां विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का आंदोलन अगले सप्ताह पड़नेवाली गुरु पूर्णिमा के बाद तेजी पकड़ सकता है। संत मंदिर आंदोलन को तेज करने के लिये सीतापुर स्थित नारदानन्द आश्रम में एकत्र होकर कार्ययोजना तैयार करेंगे। नारदानन्द आश्रम के प्रमुख स्वामी विद्या चैतन्य महाराज ने बताया कि उत्तर प्रदेश तथा आसपास के राज्यों के विभिन्न अखाड़ों के संत आश्रम में एकत्र होंगे और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के रास्तों के बारे में विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा आगामी नौ जुलाई को है। इसी दिन से हम राम मंदिर निर्माण के लिये ना सिर्फ संतों का बल्कि आम लोगों को भी सहयोग जुटाने के अभियान की शुरुआत करेंगे।
स्वामी चैतन्य ने गत २७ जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा ‘‘हमें विश्वास है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वर्ष २०१९ से काफी पहले शुरू हो जाएगा !’’ उन्होंने कहा कि नारदानन्द आश्रम में गुरु पूर्णिमा की रस्में पूरी करने के बाद वह राम मंदिर निर्माण के समर्थन जुटाने के मकसद से एक विशेष रथ से प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के विभिन्न आश्रमों का दौरा करेंगे। स्वामी चैतन्य ने कहा कि करीब डेढ महीने तक दौरा करने के बाद वह आश्रम लौटेंगे और मंदिर निर्माण का अंतिम खाका तैयार किया जाएगा !
स्त्रोत : जनसत्ता