दैनिक सनातन प्रभात में प्रसिद्ध समाचार का परिणाम
मडगांव (गोवा) : धर्मशिक्षण के अभाव में हिन्दुओंद्वारा जीर्ण हुए देवताओं के छायाचित्र मंदिर के बाहर रखे जाते हैं। उससे देवताओं का अनादर हो रहा है, यह समाचार २ जुलाई के दैनिक सनातन प्रभात में प्रकाशित किया गया था। इस समाचार के परिणाम यह हुआ कि, २ जुलाई को धर्माभिमानी श्री. प्रकाश नाईक ने मंदिर के बाहर फेंके गए देवताओं के छायाचित्रं इकट्ठा कर उनका विसर्जन किया।
इस संदर्भ में जब श्री. नाईक से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि, ‘दैनिक सनातन प्रभात में प्रसिद्ध हुआ समाचार पढकर मैं यहा देखने आया था। देवताओं के छायाचित्र इस प्रकार से बिखरे पड़े देखकर मुझे अत्यंत दुःख हुआ; इसलिए यह छायाचित्र नदी में विसर्जन किए। मंदिर में प्रतिदिन सेवा हेतु आनेवाली पवित्रा बानावली ने भी वहां के पेड के पास इकट्ठा किए गए देवताओं के छायाचित्रों की थैली श्री. नाईक को विसर्जन हेतु दी।
१५ वर्ष पूर्व चिखली, वास्को में एक व्यक्ति ने उसके घर के देवताओं के छायाचित्र जंगल में फेंक दिए थे। उस समय भी श्री. नाईक तथा उनके मित्रों ने वे छायाचित्र इकट्ठा कर पानी में विसर्जित किए थे। यह घटना बताते समय उनके मन में संताप तथा उनका देवताओं के प्रति होनेवाला भाव प्रतीत हो रहा था ! (वास्तव में ऐसे धर्माभिमानी हिन्दू ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ के पाईक हैं, आधार स्तंभ है ! – संपादक , दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात