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श्री महालक्ष्मी मंदिर में वैतनिक श्रीपूजक नियुक्त करने हेतु जिला परिषद की सभा में प्रस्ताव पारित करने की मांग !

श्री अंबाबाई पुजारी हटाव संघर्ष समिति का जिला परिषद अध्यक्ष को ज्ञापन

कोल्हापुर : शिर्डी, तुलजापुर तथा पंढरपुर के आधार पर श्री महालक्ष्मी मंदिर में तथाकथित हकदार श्रीपूजक हटा कर वहां योग्य, चारित्र्यसंपन्न, निर्व्यसनी तथा बहुजन समाज के सुशिक्षित श्रीपूजकों को वैतनिक नौकर के रूप में नियुक्त करने के साथ अन्य मांगों का ज्ञापन श्री अंबाबाई मंदिर पुजारी हटाव संघर्ष समितिद्वारा यहां के जिला परिषद की अध्यक्षा श्रीमती शौमिका महाडिक को ३ जुलाई को दोपहर १२.३० बजे प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर समिति के प्रतिनिधिमंडल ने इस संदर्भ में जिला परिषद की सर्वसाधारण सभा में प्रस्ताव पारित करने की मांग की। इस समय जिला परिषद के गुटनेता श्री. अरुण नलवडे ने कहा कि, जिला परिषद के पदाधिकारी एवं सदस्यों से चर्चा कर सभा में इस संदर्भ में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि, वर्तमान में इस विषय पर बिना चर्चा के निर्णय करना असंभव है। ज्ञापन प्रस्तुत करते समय भूतपूर्व महापौर एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

ज्ञापन में कहा गया है कि, ….

१. श्री महालक्ष्मी देवी को घागरा चोली का वस्त्र पहनाने से सर्वत्र संतप्त प्रतिक्रिया उमड़ पड़ी हैं। राज्य के लोकप्रतिनिधियों को इस घटना का दायित्व स्वीकार कर सार्वजनिक हित एवं धार्मिक श्रद्धा संजोने हेतु देवी को पहनाने हेतु जरीकी साडी का उपयोग करना चाहिए। श्रीपूजकों को, देवी को अन्य कोई वस्त्र न पहनाने की कडी सूचना देनी चाहिए !

२. शासन व्यवस्था में, कागजातों में तथा प्रत्यक्ष (जाहिर) ज्ञापन में एवं फलकों पर, रेल को ‘अंबाबाई’ नाम दिया जाना चाहिए। इस प्रकार दोनो प्रस्ताव पारित किए जाने चाहिए !

३. श्रीपूजकों का कठोर शब्द में विरोध करने का प्रस्ताव पारित करें !

‘श्री महालक्ष्मी मंदिर के श्रीपूजक हटाव’ इस प्रश्न पर सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे ! – अजित पवार

कोल्हापुर : माजी उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने श्री अंबाबाई मंदिर पुजारी हटाव संघर्ष समिति को आश्वासन देते हुए कहा कि, आगामी वर्षाकालीन अधिवेशन में श्री अंबाबाई मंदिर के श्रीपूजक हटाव प्रश्न पर दोनो सभागृह में यह प्रश्न उपस्थित कर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। २ जुलाई को समिति के प्रतिनिधिमंडल को श्री. पवार से भेंट कर अधिवेशन में इस प्रश्न को उपस्थित करने की विनती की। इस पर उन्होंने कहा कि, इस संदर्भ में अध्यादेश निकालने पर बाध्य करेंगे तथा समय आने पर मुख्यमंत्री को कानून में परिवर्तन करने की विनती करेंगे !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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