नासिक में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !
नासिक : साध्वी प्रज्ञासिंह पर झूठे आरोप लगाकर उनको ८ वर्षोंतक कारागृह में बंद कर उनपर अनन्वित अत्याचार करनेवाले अधिकारी एवं उनको अत्याचार करने के लिए बाध्य करनेवाले कांग्रेसी राज्यकर्ताओं को कठोर दंड दिया जाए, मालेगाव विस्फोट अन्वेषण का यह प्रकरण एक षडयंत्र है तथा उसे रचनेवाले सभी दोषी अधिकारी तथा उनको कार्रवाई करने हेतु बाध्य करनेवाले तत्कालिन कांग्रेसी राज्यकर्ताओं के विरोध में कठोर कार्रवाई की जाए, साथ ही नक्सली कार्रवाईयों में लिप्त देहली विश्वविद्यालय की प्रा. नंदिनी सुंदर एवं मानवाधिकार कार्यकर्ती बेला भाटिया के विरोध में भी कार्रवाई की जाए। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. शशीधर जोशी ने ऐसा प्रतिपादित किया। वे, यहां के जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आयोजित ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसरपर जिलाधिकारी को प्रस्तुत किये गए ज्ञापन में की गई मांगें इस प्रकार हैं . . .
श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्तिपर धर्म के विरोध में रासायनिक विलेपन कर देवी की मूर्ति के साथ खिलवाड करनेवाले तत्कालिन जिलाधिकारी एवं केंद्रीय पुरातत्त्व विभाग के अधिकारियों के विरोध में अभियोग प्रविष्ट करने की मांग श्रीमती वैशाली कातकाडे ने की, तो श्री. शिवाजी उगले ने यह मांग करते हुए कहा कि, ‘केंद्र शासनद्वारा प्रतिबंधित डॉ. जाकिर नाईकद्वारा संचालित विद्यालयों को संचालन हेतु अपने नियंत्रण में लेनेवालों की व्यापक जांच की जाए और शासन इन विद्यालयों को अपने नियंत्रण में लेकर उनका संचालन करे !’
आंदोलन के पश्चात, नासिक के निवासी उपजिलाधिकारी श्री. रामदास खेडकर को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने ये मांगे योग्य होने की बात कही।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात