कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११६
- धर्माभिमानी हिन्दुओंद्वारा हिन्दू धर्मियोंपर होनेवाले आक्रमण विफल करने हेतु सक्रिय होनेका आवाहन !
- विर्नोडा, पेडणेकी हिन्दू धर्मजागृति सभामें वक्ताओंके उद्बोधक विचार !
दीपप्रज्वलन करते श्री. शिवप्रसाद जोशी, बाजूमें बार्इं ओरसे
श्री. तुलसीदास गांजेकर एवं श्री. गोविंन्द चोडनकर
पेडणे (गोवा)– हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा १९ अक्तूबरको विर्नोडा, पेडणे तथा गोवाके श्री सातेरी प्रासादिक नाट्यगृहमें हिन्दू धर्मजागृति सभा आयोजित की गई । इस सभामें समितिद्वारा वर्तमान समयमें राष्ट्रकी दुरवस्था, धर्मांधोंकी आक्रामकता, लवजिहादके माध्यमसे मां-बहनोंकी प्रतिष्ठा के साथ चल रहा खेल, निस्संकोच रूपसे हो रही गोमाताओंकी हत्या, गांवके प्रवेशद्वारपर आ धमका बिलिवर्सके धर्मपरिवर्तनका आक्रमण आदि राष्ट्र एवं धर्म तथा समाजके सन्दर्भमें भीषण सच्चाईका भान कराकर इसके विरुद्ध युद्ध करने हेतु विर्नोडा गांवके वीर धर्माभिमानी हिन्दुओंको दायित्व लेकर सक्रिय होनेका आवाहन किया गया ।
इस सभामें हिन्दू महासभाके गोवा अध्यक्ष श्री. शिवप्रसाद जोशी, सनातन संस्थाके श्री. तुलसीदास गांजेकर एवं हिन्दू जनजागृति समितिके उत्तर गोवा समन्वयक श्री. गोविंद चोडनकरद्वारा उत्स्फूर्त रूपसे भाषण दिए गए । इन वक्ताओंके धर्मतेजयुक्त भाषणोंसे वीरभूमि विर्नाेडा गांवमें वीररस पुनर्जीवित हुआ । विर्नोडा गांवके धर्माभिमानी नागरिकोंकी विशेष मांगको ध्यानमें रखकर यह धर्मजागृति सभा आयोजित की गई थी । कुल मिलाकर केवल १३० घरवाले छोटेसे गांवकी इस सभामें २६० हिन्दू ग्रामवासी उपस्थित थे । शंखनाद एवं सनातनके साधक-पुरोहित श्री. पंकज बर्वे एवं श्री. पवन बर्वेद्वारा वेदमन्त्रपठनके पश्चात श्री. शिवप्रसाद जोशीके शुभहाथों दीपप्रज्वलन कर धर्मजागृति सभाका आरम्भ हुआ । पंचसदस्य श्री. शंकर परबके हाथो ब्रह्मवृंदोंका सम्मान किया गया । श्री. आत्माराम (दत्ता) परबने हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यका परिचय कराया । सभाका सूत्रसंचालन श्रीमती रेषा गडेकर एवं श्री. राहुल वजेने किया एवं श्री. अंकुश परबद्वारा कृतज्ञता व्यक्त की गई । इस अवसरपर धर्मजागृति सभामें उपस्थित प्रसिद्ध कीर्तनकार तथा धारगल गांवके पुरोहित ह.भ.प. जनार्दन बुवा बर्वेका सम्मान किया गया ।
हिन्दू युवकोंको स्वसंरक्षण प्रशिक्षण देने हेतु प्रशिक्षणवर्गका नियोजन
हिन्दू युवकोंको स्वसंरक्षण प्रशिक्षण देने हेतु प्रशिक्षण वर्गका नियोजन किया गया है । मधलावाडाके श्री रवलनाथ देवस्थानके स्थानपर प्रत्येक रविवार सवेरे ९ से १० की कालावधिमें यह प्रशिक्षणवर्ग होगा । दशहरेके दिन ही यवनाविरोधी युद्धमें विर्नोडा गांवके वीर युद्धभूमिपर गए थे । इसलिए इस गांवमें दशहरा नहीं मनाया जाता । इस गांवकी विशेषता यह है कि यहां एक भी परधर्मीय नहीं है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात