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कश्मीर एवं पश्चिम बंगाल का शासन हटाकर लश्करी शासन लागू करें ! – हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा मांग

पिंपरी (पुणे) के हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा निषेध आंदोलन !

निषेध आंदोलन में सम्मिलित धर्माभिमानी हिन्दू

पिंपरी : वर्तमान में चल रही अमरनाथ यात्रा पर १० जुलाई की रात्रि आतंकवादियों ने आक्रमण कर ७ भक्तों की हत्या की एवं अनेक लोग घायल हुए। साथ ही पश्चिम बंगाल के २४ परगणा जिले में धर्मांधों ने हिन्दू नागरिक एवं महिलाओं पर अत्याचार करते हुए उनके घर जलाए। उपरोक्त दोनों ही घटनाओं का विरोध करने हेतु यहां के हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक पर ११ जुलाई को निषेध आंदोलन किया गया। १०० से भी अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ, राष्ट्रप्रेमी एवं धर्माभिमानी इसमें सम्मिलित हुए थे।

आंदोलन में, सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने एकमत से मांग की कि, ‘कश्मीर एवं पश्चिम बंगाल का शासन बरखास्त कर वहां लश्करी शासन लागू करें !’ साथ ही अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों ने हिन्दुओं पर हुए आक्रमण के संदर्भ में अंनिसवाले, तथाकथित पुरोगामी एवं संभाजी ब्रिगेड क्यों मौन हैं ?, ऐसा पूछते हुए उनका यथेच्छ समाचार लिया।

आंदोलन के समापन अवसर पर अमरनाथ यात्रा पर किए गए आक्रमण में मृतकों को २ मिनट श्रद्धांजली अर्पण की गई एवं इन मृतकों को आगे की गति मिलने हेतु सभी उपस्थितों ने ‘श्री गुरुदेव दत्त’ का जाप भी किया।

‘फेसबुक लाईव्ह’द्वारा १८ सहस्त्र से भी अधिक लोगों ने आंदोलन अनुभव किया !

‘फेसबुक लाईव्ह’द्वारा आंदोलन का सीधा प्रसारण किया गया। यह आंदोलन प्रत्यक्ष रूप से १८ सहस्त्र ७०० से भी अधिक लोगों ने देखा एवं आंदोलन की लिंक ६४ सहस्त्र ११३ लोगों तक पहुंची !

हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा व्यक्त किये गए उद्बोधक विचार . . .

१. श्री. अशोक यलमार, पश्चिम महाराष्ट्र धर्मप्रसारप्रमुख, विहिंप : अमरनाथ यात्रा पर किया गया आक्रमण सभी हिन्दुओं पर किया गया आक्रमण है। केंद्रशासन को कश्मीर का शासन हटा कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए तथा इस्त्राईल का आदर्श लेकर आक्रमण के प्रतिशोध के रूप में पाकिस्तान पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए !

२. अधिवक्ता श्री. देवदास शिंदे, लश्कर-ए-हिंद : आतंकवादियों का धर्म नहीं होता, तो मरनेवालों को धर्म होता है। क्या, हिन्दुओं को इस तरह केवल मरने के लिए जन्म लेना चाहिए ? जिन स्थानीय लोगों ने आतंकवादियों को सहायता की, उन पर शासन ने कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। हिन्दुओं को अब, यहां से आगे अमरनाथ यात्रा को जाते समय शस्त्र अनुज्ञप्ती लेकर ही वहां जाने की आवश्यकता है ! आतंकवादियों ने यदि एक हिन्दू को मारा तो १०० आतंकवादियों को मारना चाहिए। आतंकवादी यह ध्यान में लें कि यदि भारत के सभी हिन्दुओं ने शस्त्र उठा कर कश्मीर पर आक्रमण किया, तो एक भी धर्मांध अथवा आतंकवादी शेष नहीं रहेगा !

३. श्री. नितीन वाटकर, गोरक्षा समिति : आज कश्मीर में १ प्रतिशत हिन्दू शेष हैं। इस के लिए समाजवादी, पुरोगामी एवं धर्मांधों की मानसिकता कारणभूत है। छत्रपति शिवाजी महाराज, लोकमान्य तिलक एवं स्वातंत्र्यवीर सावरकर की मानसिकता से ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना चाहिए !

४. श्री. नागेश जोशी, हिन्दू जनजागृति समिति : अमरनाथ यात्रा पर आक्रमण पूर्वनियोजित था। फिर भी केंद्रशासन उसे नहीं रोक सका। केंद्रशासन ने पाकिस्तान में घुस कर हाफिज सईद को मार कर प्रतिशोध लेना चाहिए। बंगाल में हो रहें दंगों के लिए कारण भूत ठहरा कर सात्त्विक सरकार को बंदी बनाया गया है। उसे तत्काल मुक्त कर उसे सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।

इस अवसर पर श्री. अशोक महाराज पवार; विहिंप, श्री. महेश शर्मा; बजरंग दल, श्री. सचिन थोरात; श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, श्री. धनंजय गावडे, केंद्राई गोशाला एवं श्री. चंद्रशेखर तांदळे, सनातन संस्था आदि ने भी प्रखर शब्दों में प्रबोधन किया।

क्षणिकाएं

१. आंदोलन में बंदोबस्त के लिए १५ से अधिक पुलिस उपस्थित थे तथा उन्होंने आंदोलन का ध्वनिचित्रीकरण किया !

२. आंदोलन, बीच चौक में होने से बस एवं रिक्शा से जा रहे नागरिक एवं दुपहिये चालक रुक कर विशेष रूप से आंदोलन देख रहे थे !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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