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आज भारतमें पुनः एक बार विभाजनके बीज बोए जा रहे हैं ! – प.पू. विश्वेश्वरानंदगिरीजी महाराज

पौष कृष्ण १०, कलियुग वर्ष ५११४

श्री योग वेदांत समिति’ एवं ‘भारत जागृति अभियान’ की प्रेरणा सभामें ३० सहस्र श्रद्धालुओंकी उपस्थिति

मुंबई , ६ जनवरी (संवाददाता)  – पश्चिमी सभ्यताकी संस्कृतिका अंधानुकरण कर  राष्ट्र एवं धर्मकी हानि करनेवाले ‘वेलेंटाइन डे’ के विरोधमें जनजागृति होने हेतु प. पू. आसारामजी बापूकी ‘श्री योग वेदांत समिति’ एवं ‘भारतजागृति अभियान’ संस्थाद्वारा ‘मातृ-पितृ पूजन’ संकल्प सभा एवं संत सम्मेलन आयोजित किया गया था । इसके अंतर्गत एक ‘प्रेरणा सभा’ भी आयोजित की गई थी । इस प्रेरणासभामें मार्गदर्शन करते समय मुंबईके महामंडलेश्वर अखाडेके प.पू. विश्वेश्वरानंद गिरीजी महाराजने कहा कि आज भारतमें हमें ‘इंडियन’ कहा जाता है । आज पुनः भारतमें एक बार विभाजनके बीज बोए जा रहे हैं । हमें प्राणोंकी बाजी लगाकर इस बातका विरोध करना आवश्यक है । यदि ऐसा किया गया, तो ही हम स्वयंको वास्तवमें भारतीय कहलवा सकते हैं । इस अवसरपर व्यासपीठपर विविध संप्रदायोंके संत एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति मिलाकर २० लोग उपस्थित थे । सभामें ३० सहस्र श्रद्धालु उपस्थित थे ।

पश्चिमी सभ्यताकी संस्कृतिका अंधानुकरण ही मानसिक दास्यता !

श्री. अभय वर्तक, प्रवक्ता, सनातन संस्था

सभामें सनातन संस्थाके प्रवक्ता श्री. अभय वर्तकने कहा कि आज विविध माध्यमोंसे हिंदू समाज पश्चिमी सभ्यताकी संस्कृतिका अंधानुकरण कर रहा है । यह मानसिक दास्यता है । उसके स्थानपर ‘मातृ-पितृ पूजन दिन’ मनाया जाए, तो भारतीय संस्कृतिका अभ्युत्थान होगा । इस अवसरपर श्री उद्धवजी महाराज उद्गीरकर, ह.भ.प. रामेश्वर महाराज शास्त्री, पू. कुमारस्वामीजी, पू. चिन्मयानंद बापू, दूरदर्शनपर ‘महाभारत’ मालिकामें धर्मराजकी भूमिका करनेवाले श्री. गजेंद्र चौहान एवं ‘रामायण’ मालिकामें श्रीरामका अभिनय करनेवाले श्री. अरुण गोविल उपस्थित थे । इस अवसरपर बालसाधकोंद्वारा मातृ-पितृ पूजन दिनपर आधारित एक जनप्रबोधनपर नाटिका प्रस्तुत की गई ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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