अद्यावत
पणजी : गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के दिए गये गोमांस वाले बयान पर आज (बुधवार) विश्व हिन्दू परिषद ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से इस्तीफा मांगा है। विहिंप नेता सुरेंद्र जैन ने ट्वीट कर कहा कि, गोवा के मुख्यमंत्री को इस बयान के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को गोवा विधानसभा में इस बात का आश्वासन दिया था कि, राज्य में वे गोमांस की कमी नहीं होने देंगे। सदन में भारतीय जनता पार्टी के विधायक के प्रश्न का उत्तर देते हुए पर्रिकर ने कहा था कि, गोवा के एक बूचडखाने में रोज लगभग २ हजार किलोग्राम गोमांस बनता है। पर्रिकर ने कहा कि, गोमांस का संकट ना उत्पन्न हो इसलिए पड़ोसी राज्यों से पशुओं की खरीद होती रहेगी। इस दौरान पर्रिकर ने यह भी कहा कि बाहर आने वाले गोमांस की जांच भी होगी।
पर्रिकर के इस बयान के तुरंत बाद विहिंप नेता सुरेंद्र जैन ने ट्वीट कर कहा कि, भाजपा गोमांस एन्जॉय पार्टी बन चुकी है ? पार्टी की छवि को साफ करने के लिए पर्रिकर को इस्तीफा देना चाहिए। वहीं उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, ‘क्या भाजपा अब गौमांस पार्टी बनने की दिशा में जा रही है ? एकात्म मानवदर्शन अब केवल भाषण का विषय बनकर रह गया है’।
स्त्रोत : वन इंडिया
गोवा में गोमांस की कमी महसूस हुर्इ तो अन्य राज्यों से आयात करेंगे ! – मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि, वो राज्य में गोमांस की कमी नहीं होने देंगे और इससे निपटने के लिए सरकार ने कर्नाटक से इसे आयात करने का विकल्प खुला रखा है। पर्रिकर ने गोवा विधानसभा में कहा, “हमने बेलगाम (कर्नाटक में) से मांस आयात करने का विकल्प बंद नहीं किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि, यहां कोई कमी नहीं हो।” वहीं कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने पूर्व रक्षा मंत्री के इस बयान पर चुटकी ली। शुक्ला ने कहा, “गोवा के भाजपा मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि, वो राज्य में गोमांस की कमी नहीं होने देंगे। यह अत्यधिक हास्यजनक है।”
पर्रिकर ने यह उत्तर भाजपा विधायक नीलेश कबराल के एक सवाल पर दिया। उन्होंने कहा, “मैं आपको भरोसा दे सकता हूं कि, पड़ोसी राज्य से आने वाले गोमांस की जांच उचित तरीके से और अधिकृत चिकित्सक द्वारा की जाएगी।” पर्रिकर ने यह भी कहा कि, यहां से लगभग ४० किलोमीटर दूर पोंडा स्थित गोवा मीट कांप्लेक्स में राज्य के एकमात्र वैध बूचडखाने में रोजाना लगभग २००० किलोग्राम गोमांस तैयार होता है।
उन्होंने कहा, “बाकी के गोमांस की आपूर्ति कनार्टक से होती है। सरकार की गोवा मीट कांप्लेक्स में वध के लिए पडोसी राज्यों से जानवरों को लाए जाने पर रोक लगाने की कोई मंशा नहीं है।” राज्य के पर्यटन वाले इलाकों में और अल्पसंख्यक समुदाय में गोमांस खाया जाता है, जो राज्य की कुल जनसंख्या में से ३० प्रतिशत से ज्यादा हैं। बता दें कि, केंद्र की भाजपा सरकार गोमांस और गौहत्या के विरोध में कई नियम ला चुकी है। कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार ने वध के लिए पशुओं की बिक्री पर रोक लगा दी थी।
स्त्रोत : जनसत्ता