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९ जनवरीको प्रस्तावित (अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानूनके विषयमें सरकार एवं वारकरियोंके मध्य बैठक

पौष कृष्ण ११, कलियुग वर्ष ५११४ 

(अंध)श्रद्धा निर्मूलन विधेयकका विरोध करनेवाले प्रमुख धर्माचार्यकी उपेक्षा करनेवाले राजनेता हिंदूद्रोही ही हैं !

भीष्माचार्य ह.भ.प. वक्ते महाराजको बैठकमें आमंत्रित नहीं किया गया !

पंढरपुर, ७ जनवरी (संवाददाता) – महाराष्ट्र सरकारने ९ जनवरीको प्रस्तावित (अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानूनके संदर्भमें वारकरियोंके साथ बैठकका आयोजन किया है; परंतु इस कानूनका तीव्र विरोध करनेवाले वारकरी संप्रदायके भीष्माचार्य एवं ‘राष्ट्रीय वारकरी सेना’के राष्ट्रीय अध्यक्ष ह.भ.प. निवृत्ति महाराज वक्तेको इस बैठकमें आमंत्रित नहीं किया गया है । ह.भ.प. वक्ते महाराजके नेत्तृत्वके कारण ही राज्यसरकार अबतक यह कानून बनानेमें असमर्थ रही है ।  ह.भ.प. वक्ते महाराजने ही आंदोलनके समय मुख्यमंत्रीसे भेंट कर, यह निवेदन प्रस्तुत किया था । इस कानूनको पहलेसे ही विरोध करनेवाली हिंदू जनजागृति समिति, हिंदुत्वनिष्ठ संगठन, जैन संगठन, महानुभव पंथ, श्री संप्रदायको भी सरकारने बैठकमें आमंत्रित नहीं किया है । इस संदर्भमें हिंदू जनजागृति समितिने पत्रव्यवहार भी किया था, परंतु सरकारने प्रत्युत्तर नहीं दिया है ।

कानूनके प्रति जो सकारात्मक हैं केवल उन्हें ही बैठकमें आमंत्रित किया गया है । इसलिए यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि कहीं समस्त हिंदुओंकी आंखोंमें धूल झोंकनेका राज्यसरकारका षड्यंत्र तो नहीं है ? ‘राष्ट्रीय वारकरी सेना’के कोकण विभाग अध्यक्ष ह.भ.प. बापू महाराज रावकरने एक पत्रकद्वारा मांग की है कि इस चर्चामें ह.भ.प. वक्ते महाराजको आमंत्रित किया जाए ।

वारकरियोंका ध्यान प्रमुख प्रश्नसे हटानेके लिए ही सरकारद्वारा प्रस्तावित (अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानूनके विषयमें बैठकका आयोजन !

वारकरी संप्रदायके गोरक्षक संगठनोंमें ऐसी भावना उत्पन्न हुई है कि इस वर्षके शीतकालीन अधिवेशनमें (अंध)श्रद्धा निर्मूलन विधेयक प्रस्तुत नहीं हो सका है । इसलिए राज्यसरकारको वह पुनः प्रस्तुत करना पडेगा । वारकरियोंने शीतकालीन अधिवेशनके  अवसरपर गोहत्या बंदी कानून क्रियान्वित करने हेतु तथा पंढरपुरमें वारकरियोंको अत्यावश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु भव्य आंदोलन किया था । ऐसी स्थितिमें वारकरियोंकी दृष्टिसे महत्वपूर्ण विषयोंपर चर्चा करना अपेक्षित था; परंतु इस विषयसे वारकरियोंका ध्यान हटानेके लिए ही सरकारने यह बैठक आयोजित की है ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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