सोशल मीडिया पर हिंदुओं और हिंदुत्व की रक्षा के लिए विशाल सेना बनने जा रही है। इस सेना का गठन आरएसएस और भाजपा से जुड़ी संस्थाओंद्वारा किया जाएगा। इस गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र धार्मिक नगरी काशी में बड़े पैमाने पर ‘हिंदुइझम एंड सोशल मीडिया कॉनक्लेव्ह’ के नाम से एक आयोजन किया जा रहा है। इस सेना के गठन के पीछे आरएसएस और भाजपा का उद्देश्य है कि, वे वामपंथी विचारधारा और इस्लामीझम से प्रेरित लोगों से हिन्दुत्व को बचा सकें ! सोशल मीडिया पर बनने जा रही इस सेना को अभ्यास कराया जाएगा कि कैसे हिंदुओं के विरोध में लोगों को भडकानेवालों से निपटा जा सके। इस बैठक में हो सकता है कि हिंदुत्व की रक्षा को लेकर कोई बड़ा निर्णय भी लिया जाए।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सऐप और इन्स्टाग्राम पर यह सेना अपनी बारीक नजर रखेगी। मेल टुडे के अनुसार, भारत नीति के सदस्य शैलेंद्र सेंगर ने कहा कि, आए दिन सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आपत्तिजनक वीडियो और पोस्ट शेयर किए जाते हैं जिससे हिंदू लोगों की भावनाएं आहत होती है। इस तरह के वीडियो और पोस्ट शेयर करनेवाले लोग हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाते है। कई बार तो ऐसी पोस्ट डाली जाती है जो कि कतई भी स्वाकार्य नहीं होती है। इस विषय पर हम काशी में होनेवाली बैठक में चर्चा करेंगे कि, कैसे इस तरह हिंदुओं की भावना को आहत करनेवाले प्रोपंडा के साथ चलनेवाले लोगों को रोका जा सकता है !
भाजपा किसान मोर्चा के नए उपाध्यक्ष बनाए गए सेंगर ने कहा हाल ही में सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ का मजाक उड़ाया गया था। सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ की एक आपत्तिजनक फोटो डाली गई थी जिससे हिंदु समुदाय के लोगों को काफी दुख पहुंचा था। इस तरह की पोस्ट डालनेवाले लोग एक एजेंडे के साथ काम करते है। ऐसे लोग केवल हिंदुओं के विरोध में लोगों को भड़काने का काम करते है।
काशी में होनेवाली इस बैठक में भारती नीति की शुरुआत करनेवाले मेंटर मुरलीधर राव भी भाग ले सकते है। हमने योगी आदित्यनाथ को भी इस बैठक में आमंत्रित करने के लिए निमंत्रण भेजा और उन्होंने इसमें शामिल होने की इच्छा भी जताई थी। इनके अलावा इस बैठक में कई लोग हिस्सा जो कि हमे सोशल मीडिया पर हिंदु की रक्षा करने को लेकर सुझाव देंगे। इस बैठक में गौहत्या को लेकर भी एक सेशन रखा जाएगा जिसमें हिंदु की आस्था से जुड़े इस विषय पर चर्चा की जाएगी !
स्त्रोत : जनसत्ता