कोलकाता : देहली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक तथा संघ के स्वयंसेवक श्री. राकेश सिन्हा गुरुपूर्णिमा के दिन अपनी मां के साथ मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजन एवं प्रार्थना करने हेतु गए थे। तब उन्होंने अपनी मां के साथ आरती करते समय निकाले छायाचित्र को अपने फेसबुक पर गुरुपूर्णिमा के शुभकामनाओंसहित प्रकाशित किया था। श्री. राकेश सिन्हा के इस कृत्य को बंगाल पुलिस प्रशासन ने प्रतिभूति के लिए अपात्र ऐसा अपराध ठहराकर उनके विरोध में अपराध प्रविष्ट किया है !
हाल ही में एक फेसबुक पोस्ट के कारण बंगाल में दंगा भडका कर उसमें सहस्रों धर्मांधों ने हिन्दुओंपर आक्रमण किया था। मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी एवं उनके दल के कार्यकर्ताओं ने इस दंगे को लेकर भाजपा पर आरोप लगाए थे। तत्पश्चात राज्य सरकार ने शांति एवं धार्मिक सामंजस्य को टिकाए रखने हेतु शांति वाहिनी (शांति दल) स्थापन करने की घोषणा की। इस शांति वाहिनी के मनोजकुमार सिंह नामक एक व्यक्तिद्वारा १० जुलाई को परिवाद प्रविष्ट किए जानेपर १२ जुलाई को राकेश सिन्हा के विरोध में कोलकाता पुलिस थाने में प्रतिभूति के लिए अपात्र ऐसा अपराध प्रविष्ट किया ! इस परिवाद में उपर्युक्त चित्र के कारण भी बंगाल की शांति भंग हो सकती है, ऐसा दावा किया गया है ! पुलिस प्रशासन ने इस परिवाद के साथ किसी भी चित्र अथवा प्रमाण न जोडते हुए ही यह कार्रवाई की है !
अब श्री. राकेश सिन्हा बंधकपूर्व प्रतिभूति के लिए न्यायालय गए है। (मंदिर में प्रार्थना करते समय निकाले गए छायाचित्र के कारण बंगाल में शांति कैसे भंग हो सकती है ? श्री. सिन्हा देहली के नागरिक हैं। वे बंगाल की शांति को भला क्यों भंग करेंगे ? यह छायाचित्र मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में लिया गया है, उसका बंगाल की शांति के साथ क्या संबंध ? क्या, ममता बैनर्जी को पूरे देश में स्थित हिन्दुत्वनिष्ठों की एलर्जी है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात