हिंदुओ, इसके विरोधमें सामर्थ्यशाली हिंदुत्ववादी संगठनें कुछ करेंगी, ऐसी अपेक्षा न कर आप ही कृतिशील होकर अपने श्रद्धास्थानोंकी रक्षा करें !
चामराजनगर (कर्नाटक) – चामराजनगरमें तालुका प्रशासनद्वारा शुक्रवार, २ मार्चको जनपदरुग्णालय (जिलाअस्पताल)के समीप श्री मुनेश्वरस्वामी मंदिर तथा ‘जे.एस्.एस्.’ महाविद्यालयके समक्ष स्थित श्री बण्णारी अम्माका मंदिर कडी पुलिस निगरानीमें तोडे गए । इन मंदिरोंको तोडनेके विरोधमें यहांके भक्तगण, हिंदु धर्माभिमानियों एवं हिंदु संगठनोंने तीव्र विरोध दर्शाया था; परंतु इन सभी की उपेक्षा कर हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको कुचलते हुए प्रशासकीय अधिकारियोंद्वारा मंदिरोंपर बुलडोजर चलवा दिया गया । (जो काम मुगलोंद्वारा विगत तेरह सौ वर्षोमें संपूर्ण भारतमें नहीं किया गया, वह कर्नाटकमें भाजपाके हिंदुद्वेषी शासकोंद्वारा पिछले दो वर्षोमें एक ही राज्यमें हुआ है । यह हम हिंदुओंका दुर्भाग्य है कि हमें ऐसे शासक मिले हैं । हिंदुओ, यह स्थिति बदलनेके लिए राष्ट्रप्रेमी एवं धर्मप्रेमी हिंदुओंका हिंदु राष्ट्र स्थापित करना आवश्यक है ! – संपादक)
श्री मुनेश्वरस्वामी मंदिरकी भूमि एक निजी व्यक्तिकी है । (निजी स्थानपर स्थित मंदिर गिराकर कर्नाटकके भाजपा शासकोंने यही सिद्ध किया है कि वे औरंगजेबके वंशज हैं । हिंदुओ, ऐसे शासकोंको पुनः चुनकर न लाएं तथा भाजपाके कार्यकर्ता जहां भी मिलें, उन्हें वैधानिक मार्गसे इस विषयमें पूछें ! – संपादक) तथा संबंधित नगर सभाद्वारा मंदिरपर कर भी लगाया गया है । ऐसा होते हुए भी उसकी उपेक्षा कर एवं भक्तगणोंसे बिना कोई संवाद साधे, तहसीलदारद्वारा मंदिर तोडनेके आदेश दिए गए । इस अवसरपर मंदिरके चारों ओर भारी मात्रामें पुलिस तैनात की गई थी । (हिंदुओंके श्रद्धास्थान पुलिसकी कडी निगरानीमें तोडे जा रहे हैं । क्या यह शासकीय अधिकारी मुसलमानोंके श्रद्धास्थानपर ऐसी कार्यवाही करनेका दुस्साहस करेंगे ? – संपादक)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात