कोल्हापुर : शिवसेना विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर ने २३ जुलाई को संपन्न हुई पत्रकार परिषद में यह जानकारी दी कि, ‘२४ जुलाई से आरंभ होनेवाले वर्षाकालीन अधिवेशन में पंढरपुर, शिर्डी, तुलजापुर के मंदिरों के साथ-साथ शहर के श्री महालक्ष्मी मंदिर में सरकारी पुजारी नियुक्त करना, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति का भ्रष्टाचार, पेट्रोल-डिजेल विक्रय के माध्यम से नागरिकों की होनेवाली लूटमार, ‘सर्किट बेंच’, प्रलंबित जलवाहिनी योजना तथा उसमें किया गया घपला, खुले आम किया जानेवाला मटका व्यवसाय, झूम प्रकल्प, शिवाजी पूल आदि ८० तारांकित प्रश्न, १० लक्ष्यवेधी सूचना उपस्थित कर शासन का ध्यान आकर्षित करूंगा !’
श्री. राजेश क्षीरसागर ने आगे ऐसा भी कहा कि….
१. श्री महालक्ष्मी मंदिर के बाहर देवस्थान व्यवस्थापन समिति तथा गर्भगृह में श्रीपूजक भक्तों को लूट रहे हैं। आज मुझे आज तक किसी एक भी श्रीपूजक ने मंदिर का प्रसाद अर्थात पेढा नहीं दिया, तो वह प्रसाद एक सर्वसाधारण व्यक्ति को कैसे प्राप्त होगा ?
२. वेतनधारी श्रीपूजकों की नियुक्ति होने के पश्चात ‘उन्हें’ कुछ भी फरक नहीं पड़ेगा; क्योंकि अभीतक श्रीपूजकों ने तो पहले ही अधिक मात्रा में धन कमाया हुआ है !
३. देवस्थान समिति के भ्रष्टाचार की जांच करने हेतु विशेष अन्वेषण पथक (एसआयटी) स्थापन किया गया; किंतु इस पथक ने ‘छह माह में इस संदर्भ में जांच करेंगें,’ ऐसे बताने के पश्चात भी जांच पूरी नहीं हो सकी ! तुलजापुर मंदिर की अवस्था भी ऐसी ही है। अतः इस प्रश्न की ओर अधिवेशन में शासन का ध्यान आकर्षित करूंगा !
४. मैंने स्वयं श्रीपूजकों के अधिकार अबाधित रखकर उनके विरोध में उपर्युक्त भूमिका प्रस्तुत की है; किंतु मैं जातपात के विरोध में नहीं हूं। केवल सत्य परिस्थिति आगे आने के लिए प्रयास कर रहा हूं !
५. मंदिर में करोडो रुपयों का धन प्राप्त होता है, फिर भी सुविधा प्राप्त नहीं होती। देवस्थान समिति की कुल मिलाकर ३३ सहस्त्र एकड भूमि किराए पर देने से करोडो रुपएं प्राप्त हो सकते हैं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात