कोल्हापुर : जिले में गोवंश की हत्या के लिए क्रय एवं विक्रय करनेवाले दलाल एवं कसाईयों पर आपराधिक (फौजदारी) अपराध प्रविष्ट करने की कार्रवाई करें। यदि गोवंश के हो रहे अमानुषिक हत्या प्रकरणों पर उचित ध्यान नहीं दिया गया एवं संबंधित दलालों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो शिवसेना एवं हिन्दुत्वनिष्ठ सड़क पर उतर कर आंदोलन आरंभ करेंगे ! शिवसेना एवं हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों की ओर से कोल्हापुर परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक श्री. विश्वास नांगरे-पाटिल को २५ जुलाई को प्रस्तुत किए ज्ञापन से ऐसी चेतावनी दी गई।
इस अवसर पर श्री. नांगरे-पाटिल ने कहा कि, गोवंशियों का विक्रय करनेवाले दलाल एवं हत्या करनेवाले कसाईयों पर वैधानिक रूप से कार्रवाई करने के संदर्भ में जिले के सभी पुलिस थाने में सूचित किया जाएगा, परंतु हिन्दुत्वनिष्ठ कानून हाथ में लेकर कोई कृत्य न करें ! (हिन्दुत्वनिष्ठों ने ऐसा ज्ञापन प्रस्तुत करने पर उन्हें कानून हाथ में न लेने के लिए कहनेवालों ने पहले ही ऐसे दलालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की ? कानून अस्तित्व में होते हुए भी अवैध बातों पर तत्परता से कार्रवाई न करनेवाली पुलिस कर्तव्यचोर है अथवा भ्रष्ट ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस अवसर पर हिन्दू महासभा के नगराध्यक्ष श्री. मनोहर सोरप, महिला संयुक्त दल की श्रीमती रश्मी आडसुळे, श्रीमती सुवर्णा पोवार, शिवसेना के सर्वश्री महेश सुतार तथा किशोर घाटगे के साथ अन्य शिवसैनिक तथा हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. गोविंदराव देशपांडे एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुधाकर सुतार आदि उपस्थित थे।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि, …..
१. पारगांव एवं परिसर के शिवसैनिक हिन्दुत्वनिष्ठ हैं। वडगांव में प्रति सोमवार को जानवरों का साप्ताहिक बाजार भरता है। इस बाजार में मुंबई, कल्याण, पुणे, सातारा, कोरेगांव, मिरज, कर्नाटक एवं अन्य क्षेत्रों से भारी संख्या में कसाई लोग आते हैं !
२. उनके स्थानीय दलालों के माध्यम से भारी संख्या में हत्या के लिए गोवंशियों का क्रय किया जाता है एवं उन दलालों के माध्यम से जानवरों की अवैधानिक यातायात भी की जाती है !
३. गोवंश हत्या बंदी कानून का उल्लंघन कर जानवरों का क्रय-विक्रय एवं यातायात चल रही है !
४. इस संदर्भ में हिन्दुत्वनिष्ठ एवं गोरक्षक कार्यकर्ता के स्पष्टीकरण मांगे जाने पर उनके विरोध में अॅस्ट्रोसिटी, हप्ता अथवा महिलाओं का शीलभंग करने का मिथ्या अभियोग प्रविष्ट करने की धमकी दी जाती है !
५. इसलिए समाज में भेद डाल कर जातीय संघर्ष होने की संभावना है। अतः इस प्रकरण की गंभीरता को ध्यान मे लेकर कार्रवाई करें !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात