फर्रुखाबाद : घोड़ा नखास पुलिस चौकी से पास केवल ५० कदम की दूरी पर स्थित एक मंदिर में १२ जुलाई की रात किसी अराजकतत्व ने शिवलिंग खंडित कर दिया था। रविवार सुबह जानकारी होने पर लोगों ने चौकी पर सूचना दी। कुछ देर बाद ही कोतवाली प्रभारी पहुंच गए और लोगों को समझा-बुझाकर अपने खर्च पर नया शिवलिंग स्थापित करा दिया था। दुर्गा प्रतिमा तोड़े जाने पर मौके पर पहुंचे एसपी के सामने यह मुद्दा उठाया गया। लोगों ने आरोप लगाया कि यदि उसी दिन मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू हो जाती तो यह घटना बच सकती थी।
मोहल्ला दरीबा पश्चिम निवासी अंशू पांडेय ने बताया कि, उनके घर के निकट स्थित मंदिर में शिवलिंग तोड़ दिया गया था। इसकी लिखित सूचना चौकी पर दी गई। कोतवाली प्रभारी अनूप निगम मौके पर आए और उन्होंने पांचालघाट से अपने खर्चे पर नया शिवलिंग मंगवाकर स्थापित करा दिया। सोमवार को शिवलिंग का पूजन भी करा दिया गया। कोतवाली प्रभारी ने लोगों को समझाया कि बात बढ़ाने से आपसी सौहार्द्र बिगड़ेगा। इस पर वह लोग चुप हो गए और घटना दबा दी गई। हकीकत यह है कि यदि उसी दिन मुकदमा लिखकर पुलिस जांच शुरू करती तो अराजकतत्वों का हौसला नहीं बढ़ता। घोड़ा नखास चौकी क्षेत्र शहर में सर्वाधिक संवेदनशील माना जाता है। दुर्गा प्रतिमा तोड़े जाने में दर्ज की गई एफआयआर में शिवलिंग तोड़े जाने का उल्लेख भी किया गया है। कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी ने बताया कि घटना जानबूझकर की गई है। गंभीरता से जांच की जाएगी।
भीड ने भाजपा नेता हाफिज पुत्तन मियां को खदेडा
पुलिस चौकी में हंगामा चल रहा था। उसी समय भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष हाफिज पुत्तन मियां वहां पहुंचकर कुर्सी पर बैठ गए। वह हमदर्दी जताने पहुंचे थे। इसी बीच उन पर हिन्दूवादी संगठनों के नेताओं की नजर पड़ गई। उन्होंने पुत्तन मियां को खरीखोटी सुना दीं। पुलिस ने उन्हें जैसे-तैसे चौकी से बाहर निकाला।
मुहूर्त पर होगी प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा
तोड़ी गई दुर्गा प्रतिमा को हटवाकर पुलिसद्वारा लाई गई प्रतिमा की स्थापना करानेवाले आचार्य पं.रमेश चंद्र त्रिवेदी ने बताया कि माहौल खराब न हो इस कारण फिलहाल प्रतिमा स्थापित करा दी गई है। बिना प्राण प्रतिष्ठा कराए प्रतिमाओं का पूजन नहीं होना चाहिए। श्रावण मास में प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त नहीं है। शिवलिंग व दुर्गा प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बाद में मुहूर्त निकालकर संपन्न कराया जाएगा।
स्त्रोत : जागरण