‘आजतक’ पाकिस्तान से एक हैरान करनेवाली तस्वीर सामने लाया है। लाहौर के बीचों-बीच मॉल रोड पर लश्कर-ए तैयबा के आतंकियों ने एक रैली का आयोजन किया। आजतक का कैमरा इस रैली में पहुंचा और आतंकियों के नापाक मंसूबों और जहरीले भाषणों को कैद किया !
यहां रैली के मंच पर आतंकी नजर आए। साथ ही मंच के सामने बच्चों के हाथ में बंदूकें लहराती दिखीं। इतना ही नहीं वहां मौजूद नौनिहालों की जुबान पर नफरत की बोल सुनाई दीए। पाक अधिकृत कश्मीर से लगभग ५०० किलोमीटर दूर आयोजित इस रैली में जहरीले भाषण दिए जा रहे थे। नौजवान नारे लगा रहे थे और तबाहियों के प्रेत मंच के देवता बने हुए थे। हैरान करनेवाली बात ये है कि, इस रैली के लिए यूनिवर्सिटी तक बंद कर दी गई। रैली का आयोजन हुआ तो लाहौर के बाजार बंद हो गए। ट्रैफिक रोक दिया गया। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी मीडिया बाकायदा ओबी वैन लगाकर आतंकवाद का ब्रॉडकास्ट कर रही थी। रैली में खुलेआम जम्मू कश्मीर को नर्क बना देने की कसमें खाई और खिलाई जा रही थीं !
इस रैली का आयोजन ‘दिफा ए पाकिस्तान काउंसिल’ के बैनर तले किया गया। रैली में तमाम खूंखार आतंकी संगठन शामिल हुए। इन सभी संगठनों का साझा उद्देश जम्मू-कश्मीर मेंघुसपैठ, भारत में अशांति, बर्बादी, तबाही और हत्याएं करना है।
दरअसल दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल आतंकवाद का संगठनात्मक ढांचा है। इस ढांचे को आयएसआय की सीधी मदद हासिल है। लश्कर और जमात उद दावा जैसे संगठन इसी के पीछे छिपकर भारत पर वार कर रहे हैं।
क्या है दिफा-ए पाकिस्तान ?
दिफा-ए पाकिस्तान काउंसिल में ३० जेहादी संगठन हैं। इन सभी संगठनों का नेतृत्व जमात-उद-दावा करता है। कुछ लोग बताते हैं दिफा काउंसिल के पीछे लश्कर का दिमाग है। काउंसिल का उद्देश भारत और अमेरिका की बर्बादी है।
रैली में ये आतंकी हुए शामिल
रैली में लश्कर ए तैयबा का ऑपरेशनल कमांडर हाफिज अब्दुल रहमान मक्की शामिल हुआ। मक्की लश्कर के मुखिया हाफिज सईद का बहनोई है और फिलहाल वही लश्कर के सारे ऑपरेशंस को अंजाम देता है। रैली के दौरान मक्की ने जहर उगलते हुए कहा कि हम कश्मीर लेकर रहेंगे, चाहे हमें कितनी भी कुर्बानी देनी पड़े !
मक्की के अलावा हदया-तुल-हादी पाकिस्तान का चैयरमैन पीर सय्यद हारून गिलानी भी रैली में आया था। मंच से उसने कहा कि पाकिस्तान इस्लाम का किला है और यह कश्मीर के बिना अधूरा है। इसके बाद हाफिज सईद का बेटा तलहा सईद आया। तलह का काम जेहादियों की भर्ती करना है।
स्त्रोत : आज तक