हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान’ !
• नंदुरबार में हिन्दू जनजागृति पुरस्कृत सार्वजनिक श्री गणेशोत्सव महामंडल के प्रयासों को मिली सफलता !
• जिला पुलिस अधीक्षक का महामंडल को आश्वासन
नंदुरबार (महाराष्ट्र) : शहर में स्थित सभी गणेशोत्सव मंडलों की स्वतंत्र रूप से बैठक बुलाएंगे और उसमें सार्वजनिक गणेशोत्सव महामंडल की ओर से रखी गई मांगें एवं सूत्रोंपर बातचीत करेंगे ! नंदुरबार जिला पुलिस अधीक्षक श्री. राजेंद्र डहाळे ने हिन्दू जनजागृति समिति पुरस्कृत सार्वजनिक श्री गणेशोत्सव महामंडल के शिष्टमंडल को यह आश्वासन दिया।
इस शिष्टमंडल में हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल, श्री बाबा गणपति के श्री. सुनील सोनार, भाऊ गणपति के श्री. वसंत सोनार, श्री. बंटी नेतलेकर, श्री. राम कडोसे, महाराणा प्रताप मंडल के श्री. चेतन राजपूत, श्री. जितेंद्र राजपूत आदि का अंतर्भाव था।
जिला पुलिस अधीक्षक श्री. राजेंद्र डहाळे ने उपर्युक्त मांगों का ज्ञापन पढने के पश्चात कहा कि, हम इस सप्ताह के अंत में आपकेद्वारा रखी गई मांगों के अनुसार सभी विभाग प्रमुखों के साथ केवल गणेशोत्सव मंडलों का अंतर्भाव होनेवाली एक बैठक का आयोजन करेंगे तथा उसमें सभी समस्याओं पर समाधान ढूंढेंगे। इसके पश्चात जिलाधिकारी कार्यालय को भी शिष्टमंडलद्वारा ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
२३ जुलाई को सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाने में आनेवाली समस्याओं पर विचार विमर्श करने हेतु महामंडल के अतंर्गत सभी गणेशोत्सव मंडलों की एकत्रित बैठक बुलाई गई थी। उसमें शहर में स्थित मंडलों के ११० पदाधिकारी उपस्थित थे। उसमें की गई बातचीत के फलस्वरूप जिलाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।
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ज्ञापन के माध्यम से रखी गई मांगें . . .
१. गणेशोत्सव मंडलों को सभी अनुमति एक ही खिडकी से उपलब्ध करवा देने की कार्यवाही सभी तहसिलों में प्रभावशाली पद्धति से हों !
२. मंडलों के लिए अनिवार्य बनाई गई शपथपत्र (एफिडेविट) की शर्त सौम्य की जाए !
३. मंडलों के लिए ऑनलाईन आवेदनपत्र प्रविष्ट करना अनिवार्य नहीं होना चाहिए !
४. गणेशोत्सव के समय में तथा अन्य समय भी खुली मांसबिक्रीपर रोक लगाई जाए !
५. प्रशासन केवल गणेशभक्त, गणेशोत्सव मनानेवाली संस्थाएं एवं संघटनों के अंतर्भाववाली स्वतंत्र बैठक बुलाए तथा उसमें गणेशोत्सव के संदर्भ में विचार विमर्श हों !
६. महिला एवं लडकियों को सतानेवाले मवालियों का बंदोबस्त किया जाए तथा ऐसे क्षेत्रों में एक दामिनी पथक की व्यवस्था की जाए !
७. मूर्तिदान करने, कृत्रिम कुंडों का निर्माण कर उसमें गणेशमूर्तियों का विसर्जन करना, कचरे की गाडी में मूर्तियों को रखकर उनकी यातायात करना जैसे धर्मशास्त्र के विरोध में रहनेवाली घटनाओं को रोका जाए !
८. कागद के लुगदे से बनी गणेशमूर्तियों के कारण जलप्रदूषण होता है, इसलिए उनकी बिक्री न हों। शासन उसके लिए परिपत्र निकाले !
९. शहर में स्थित विसर्जन मार्ग के सडकों की शाश्वतरूप से मरम्मत की जाए !
१०. प्रकाशा में मूर्तिविसर्जन हेतु सीधे तापी नदीक्षेत्र में जाने का प्रबंध न होने से अनेक लोग पूल से ही मूर्तियां फेंक देते हैं। अतः वहांपर बहते पानी में मूर्तियों के विसर्जन का प्रबंध करवा दिया जाए !
११. विसर्जन के दिन अथवा गणेशोत्सव के समय में पथदीप बंद होना अथवा बिजली गुल होने जैसी घटनाओं को रोका जाए। पालिका का पथदीपों की मरम्मत के आदेश दें !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात