चीनी ड्रैगन को कुचल देने हेतु दादर (मुंबई) एवं पनवेल के रणरागिणियों का ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !
मुंबई : चीन भारत का सबसे धूर्त शत्रु है ! वर्ष १९६२ में उसने हिन्दी-चीनी भाई-भाई कहते हुए भारत के साथ द्रोह किया था। अब हमें उसको अच्छा सबक सिखाने का अवसर प्राप्त हुआ है; इसलिए हम भारतीय आज से ही मैं एक भी चीनी उत्पाद नहीं खरीदूंगा, इस प्रकार का दृढनिश्चय कर उसे वास्तविक आचरण में लाएंगे। उससे चीन की आर्थिक कमर टूट जाएगी। शिवकार्य प्रतिष्ठान की श्रीमती राधिका सावंत ने ऐसा प्रतिपादित किया।
सीमा पर निरंतर टंटा-बखेडा करनेवाले चीन को सबक सिखाने हेतु हर भारतीय अपनी कमर कसे; इसके लिए रणरागिणी शाखा, हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिकों की ओर से २९ जुलाई को दादर (पश्चिम) परिसर के कबुतरखाना क्षेत्र में आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में ६० से भी अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिक आंदोलन में सम्मिलित हुए।
चीन को सबक सिखाकर भारतभूमि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे ! – कु. स्वप्नाली जाधव एवं कावेरी मयेकर, शिवकार्य प्रतिष्ठान
भारतीय सैनिक हमारे शत्रुराष्ट्र पाकिस्तान और चीन के सैनिकों के विरोध में तथा आतंकियों से दिन-रात, जी-जान से लड रहे हैं। इसमें हमारे अनेक सैनिकों को अपने प्राणों की बली भी देनी पडी है। हमारे ही कुछ नेता हमारे सैनिकों को बलात्कारी कहकर उनकी अवहेलना करते हैं। अतः इन शत्रुराष्ट्रों को सबक सिखाने हेतु ये नेता कुछ करेंगे, यह अपेक्षा न कर हम हरएक को चीनी उत्पाद एवं चीन में बनी राखियों का बहिष्कार करना चाहिए। हम विद्यालय में प्रतिदिन राष्ट्रगीत गाते हैं; किंतु अब उसे वास्तविकता में लाने का समय आ गया है। अतः हम समस्त भारतीय चीन को सबक सिखाकर भारतभूमि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे !
प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ कार्यक्रम से युवकों को चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आवाहन करें ! – श्रीमती नयना भगत, रणरागिणी शाखा
क्षणचित्र
१. धर्मप्रेमी श्री. सचिन गायकवाड एवं श्रीमती मीना गायकवाड केवल आंदोलन में भाग लेने हेतु बदलापुर से आए थे !
२. आंदोलन को देखकर श्रीमती सुरेखा हिंदळेकर स्वयंस्फूर्ति से आंदोलन में सम्मिलित हुईं और उन्होंने समिति के कार्य में सम्मिलित होने की इच्छा भी व्यक्त की !
भारत के साथ टंटा-बखेडा करनेवाले चीन को भारतीय महिलाएं रणरागिणी बनकर पाठ पढाएंगी ! – श्रीमती नंदिनी सुर्वे, रणरागिणी शाखा
पनवेल : भारतीय महिलाएं चंडी-दुर्गा की वंशज हैं ! चीन भारत के साथ टंटा-बखेडा करेगा और हम भारतीय महिलाएं अपने भाईयों को चीनी राखियां बांधें, ऐसा कदापि संभव नहीं है ! चीन यह ध्यान में ले कि भारत सदैव अजेय है और वह अजेय ही रहेगा। चीन भारत के साथ टंटा-बखेडा करनेवाला हो, तो भारतीय महिलाएं रणरागिणी बनकर चीन को सबक सिखाएंगी। रणरागिणी शाखा की श्रीमती नंदिनी सुर्वे ने ऐसा प्रतिपादित किया।
भारतीय नागरिक चीन में बनी वस्तुओं की खरीद का बहिष्कार करें, स्वदेशी को अपनाएं तथा चीन की आर्थिक नाकाबंदी करें; इस उद्बोधन हेतु यहां रणरागिणी शाखी की ओर से राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन चलाया गया। उसमें वे ऐसा बोल रही थीं।
इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती मोहिनी पांढरे एवं सनातन संस्था की श्रीमती वंदना आपटे ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। इस आंदोलन में महिलाओं का लक्षणीय सहभाग था। आंदोलन देखनेवाले नागरिकों ने भी उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया। इस आंदोलन में खांदा बस्ती, पनवेल की पार्षद श्रीमती सीताबाई पाटिल भी उपस्थित थीं।
क्षणचित्र
१. फेसबुक लाईव्ह के माध्यम से यह विषय २४ सहस्र लोगोंतक पहुंचा, साथ ही ८ सहस्र लोगों ने इस आंदोलन को सीधे प्रसारण के माध्यम से देखा !
२. १०३ नागरिकों ने इस आंदोलन को देखकर चीनी वस्तुओं का उपयोग न करने का निश्चय व्यक्त किया !
३. मार्ग से आने-जानेवाली अनेक महिलाएं रुक रुक कर विषय जान ले रही थीं, साथ ही स्वयंस्फूर्ति से घोषणाएं भी कर रही थीं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात