पौष शुक्ल ४, कलियुग वर्ष ५११४
डोंबिवलीमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित संतप्त प्रदर्शन !
डोंबिवली (महाराष्ट्र), १३ जनवरी (संवाददाता) – यहांके पूर्वी क्षेत्रके इंदिरा गांधी चौकमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा सायंकालमें ‘भारतीय जवानोंका पाकिस्तानद्वारा सिरच्छेद एवं उसके विरोधमें भारतीय सरकारने जो दबनेवाली निष्क्रिय नीति अपनाई है, उसका निषेध करने हेतु प्रदर्शनका आयोजन किया गया था । ‘पाकिस्तानको शत्रुराष्ट्र घोषित करने, भारतमें स्थित पाकिस्तानका दूतावास तत्काल बंद करें, उनके राजदूतको उनके देशमें खदेड दिया जाए, पाकिस्तानके साथ सब राजनीतिक एवं व्यापारिक संबंध समाप्त करने, पाकके साथ क्रिकेट, हाकी खेलना बंद करने, आरंभ की गई रेल एवं बस परिवहन सेवा तत्काल निरस्त करने एवं अपने २ सैनिकोंका प्रतिशोध, उनके १० सैनिक मारकर ‘जैसेको तैसा’ उत्तर देनेकी मांगें इस अवसरपर राष्ट्रभिमानी हिंदुनिष्ठोंद्वारा की गई । प्रदर्शनकारियोंको डोंबिवली निवासियोंने उत्साहित होकर प्रतिसाद दिया । प्रदर्शनमें बजरंग दल, हिंदू महासभा, हिंदू ऐक्य वेदी, वनवासी कल्याण आश्रम, सनातन संस्था आदि संगठन एवं भाजपा, शिवसेना दलोंके कार्यकर्ता एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति सम्मिलित हुए थे ।
राष्ट्राभिमानी वक्ताओंके उद्गार !
१. हिंदू महासभाके श्री. दुर्गेश परुलकरने इस अवसरपर कहा कि गृहमंत्री श्री. सुशीलकुमार शिंदेको सैनिकोंसे कोई लेना-देना नहीं है । जबतक पाकिस्तानसे प्रतिशोध नहीं लिया जाएगा, तबतक शांत नहीं रहेंगे, ऐसी भूमिका हमें लेनी चाहिए ।
२. वनवासी कल्याण आश्रमके श्री.प्रदीप देशमुखने कहा कि इस नपुंसक सरकारका निषेध करना चाहिए । दलालोंकी दलाली करनेवाली निष्क्रिय सरकारको लोग उखाडकर फेंक दें ।
३. हिंदू जनजागृति समितिके श्री. अजय संभूसने कहा कि भारतीय थलसेनामें ११ लाख सैनिक हैं एवं उनमें इतनी शक्ति है कि हम ११ घंटोंमें कराचीपर भगवा ध्वज फहरा सकते हैं; परंतु यह नपुंसक सरकार मतोंके लिए लाचार है । इसलिए कुछ कृत्य नहीं करती । अतः अब हिंदुओंको संगठित होकर राष्ट्र एवं धर्म कार्यमें सम्मिलित होना चाहिए ।
क्षणिकाएं
१. प्रदर्शनके अवसरपर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया । नागरिकोंने निवेदनपर हस्ताक्षर किए तथा प्रदर्शनमें प्रत्यक्ष सम्मिलित होकर क्रोध व्यक्त किया ।
२. ‘जला दो! जला दो ! पाकिस्तान जला दो!’, ‘जिसको चाहिए पाकिस्तान, उसको भेजो कब्रिस्तान!’, ‘इस नपुंसक सरकारका क्या करना है ? नीचे सिर ऊपर पांव करना है !’ इस प्रकारके नारे लगाए गए ।
क्षणिकाएं
१. डायघर गांवमें बजरंग दलके कार्यकर्ता १५ कि.मी. यात्रा कर प्रदर्शनमें सम्मिलित हुए थे ।
२. ‘भारतीय सैनिकोंका सिरच्छेद – भारतीय आक्रोशित तो शासक निष्क्रिय !’, ‘मित्रताके संबंध प्रस्थापित करने हेतु उत्सुक भारतको पाकिस्तानका थप्पड !’, इस प्रकारकी तीव्र भावनाएं व्यक्त करनेवाले फलक प्रदर्शक हाथोंमें लिए हुए थे ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात