कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
लंदन – आईएसआईएस के आतंकवादियों का एक और क्रूर चेहरा सामने आया है। रिपोर्टों के मुताबिक, सुन्नी लड़ाके अब मासूमों को सिर कलम करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। आतंकियों का दावा है कि ‘स्कूल ऑफ जिहाद’ में 10 साल के मासूमों को न सिर्फ एके-47 सरीखे हथियार चलाना सिखाया जा रहा है, बल्कि उन्हें सिर कलम करने से लेकर बंधकों को यातनाएं देने के तरीकों से भी रूबरू कराया जा रहा है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे हैरान कर देने वाला वाकया बताया है।
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सामने आई करतूत
इस्लामिक स्टेट की मीडिया विंग मुअसिसत अल-फुरकन द्वारा तैयार की गई प्रचारक वीडियो सीरीज में इस बार 15 से कम उम्र के बच्चे दिखाई दे रहे हैं। आईएसआईएस के मुताबिक, यह इस्लामिक स्टेट का ‘स्वप्नलोक’ है। आतंकियों का ये गढ़ भले ही इसे स्वप्नलोक बता रहा है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल की रिपोर्ट में यह एक ‘युद्ध अपराध’ है। रिपोर्ट कहती है कि आईएसआईएस 15 साल से भी कम उम्र के बच्चों की भर्ती कर रहा है। सीरिया के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल ब्रिटेन के अभियान प्रबंधक क्रिस्टियन बेनेडिक्ट ने कहा, “नकाबपोश हथियारबंद लोगों द्वारा बच्चों को गलत राह पर ले जाते देखना हैरान कर रहा है।”
यू-ट्यूब पर ‘कब्स ऑफ द इस्लामिक स्टेट’ शीर्षक से एक और वीडियो है, जिसे आईएसआईएस अपना बता रहा है। अरबी भाषा में तैयार किए गए इस वीडियो में आईएसआईएस, बच्चों के इस्लामिक स्टेट के हक में लड़ने का दावा करता दिख रहा है। वहीं, ‘मैसेज फ्रॉम द लैंड ऑफ द फाइनल बैटल्स’ नाम से दूसरे वीडियो में ‘स्कूल ऑफ जिहाद’ के बारे में दिखाया गया है।
वीडियो में बच्चे स्टेज के सामने पंक्ति में खड़े दिख रहे हैं। वो जिहादी की बात सुन रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके माता-पिता (माना जा रहा) उन्हें देख रहे हैं। यह वीडियो आईएसआईएस के अल-इतिसाम मीडिया विंग द्वारा तैयार किया गया है। जिसमें इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण वाली जगह की पब्लिसिटी की गई है। यह वीडियो कहां फिल्माया गया है, इसका अब तक पता नहीं चल पाया है।
माना जा रहा है कि वीडियो 29 जून के आसपास का है, जब अबु बक्र अल बगदादी ने इस्लामिक स्टेट की घोषणा की थी। हालांकि, ये जांच का विषय है कि आतंकियों ने यह वीडियो अब क्यों जारी किया है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर सैकड़ों आईएसआईएस समर्थकों द्वारा इसे ‘न्यू ग्रेजुएट ऑफ जिहाद स्कूल’ बताया जा रहा है।
आईएसआईएस समर्थकों का ये दावा ऐसे समय पर सामने आया है, जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल ने कहा कि इस्लामिक स्टेट ने कई ट्रेनिंग कैप स्थापित किए हैं, जहां वह बच्चों की भर्ती कर उन्हें हथियार चलाने और बंधकों को यातनाएं देने के तरीकों की ट्रेनिंग दे रहा है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर