भारत-पाकिस्तान को अलग हुए ७० वर्ष हो गए लेकिन दोनों देशों के बीच इतने वर्षों में वैमनस्यता की खाई और चौड़ी हुई है। हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच संबंधों में आयी दूरी इस बात की स्पष्ट करती है कि, पाकिस्तान में आज भी हिन्दुओं और भारतीयों के प्रति उनका दृष्टिकोण दशकों पुराना और वैमनस्यतापूर्ण है। एचटी मीडिया के अनुसार, वहां विद्यालयीन बच्चों को पाठ्य पुस्तकोंद्वारा इसी वैमनस्यता की कहानी पढाई जा रही है ! वहां के बच्चों को पढाया जा रहा है कि, पडोसी देश हिन्दुस्तान में रहनेवाले अधिकांश हिन्दू ठग होते हैं। इन हिन्दुओं को सामूहिक नरसंहार का दोषी ठहराया जा रहा है और बच्चों को ७० वर्ष पुराने देश बंटवारे की कहानी यह कहकर बताई जा रही है कि, ठग हिन्दुओं ने मुसलमानों का सामूहिक नरसंहार कर उनकी संपत्ति हडप ली और बचे-कुचे मुसलमानों को जबरन पाकिस्तान खदेड दिया !
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के एक सरकारी विद्यालय में सरकारद्वारा अनुमोदित पांचवी क्लास की इतिहास की किताब में कहा गया है कि, हिन्दू ठग होते हैं। हिन्दुओं ने ही मुसलमानों का सामूहिक नरसंहार किया था और भारत स्थित उनकी संपत्ति हडप ली थी और जबरन मुस्लिमों को पाकिस्तान खदेड दिया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के १७ वर्षीय अफजल का कहना है, “उन्होंने हमें नीचे देखा, यही वजह है कि हमने पाकिस्तान बनाया !”
पाकिस्तान के एक महाविद्यालय में पढनेवाले नून अफजल को किताबों से पता चला कि, ७० वर्ष पहले जब देश का बंटवारा हुआ था तब ‘धोखेबाज’ हिंदुओं ने रक्तपात किया था और मुसलमानों पर अत्याचार किए थे। नून को पता है कि, विभाजन से पहले देश अविभाजित था और अंग्रेजों की अधीन था। हालांकि, सीमा पार यहां हिन्दुस्तान में छात्रों को पाकिस्तानी किताब की बातों से हटकर दूसरी बातें सिखाई जाती हैं।
स्त्रोत : जनसत्ता