सौदी में सरकारद्वारा विकास के लिए प्रेषित पैगंबर की मस्जिद गिरार्इ गर्इ, क्या आेवैसी को यह ज्ञात नहीं है ? देश में इस्लामी आक्रमकारीयों ने लाखो मंदिरे गिरार्इ, तब उन्हें यह अधिकार किसने दिया था ? आैर वहां उन्होने मस्जिदों का निर्माण किया, इस विषय में आेवैसी कुछ क्यों नहीं बोलते ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआयएम) ने मस्जिद गिराए जाने की निंदा की है। इससे पहले रविवार को कृष्णा जिले के कंकिपुडा मंडल में ईदपुग्गल में स्थित मस्जिद-ए-अली को आंध्र प्रदेश सरकार के राजस्व अधिकारियों ने तोड दिया था। एमआयएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान को सडक चौड़ा करने के नाम पर गिराना गैरकानूनी और मनमानी है। उन्होंने कहा, “कोई भी मस्जिद स्थानांतरित और ढहाई नहीं जा सकती है, क्योंकि यह अल्लाह की संपत्ति है ! यहां तक कि मस्जिद को बनानेवाले शख्स को भी यह अधिकार नहीं है वह मस्जिद को हटा या तोड सके !”
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, ओवैसी ने आरोप लगाया कि, मई २०१६ के बाद से राजस्व अधिकारियों ने मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को मनमाने ढंग से गिराया। सालों पुरानी मस्जिद-ए-अबु बकर, हजरत शाह जहूर मुसाफिर दरगाह, तारापेट मस्जिद और जन्नातुल फिरदौस कब्रिस्तान को गिराया गया था !” उन्होंने कहा कि, यह धार्मिक स्थानों की सुरक्षा के लिए कानूनों का पूर्ण उल्लंघन है। आंध्र प्रदेश राज्य वक्फ बोर्ड के अनुरोध और स्थानीय मुस्लिमों के विरोध की अनदेखी की गई है !
ओवैसी ने कहा, “इस संबंध में उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मई २०१६ और मई २०१७ में पूजा के स्थानों पर राजस्व अधिकारियों की कार्रवाई के विरोध में चिट्ठी लिखी थी। रविवार को ओवैसी ने आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दिनेश कुमार से मुलाकात की थी और आंध्र प्रदेश सरकार से मुस्लिमों के पूजा स्थानों को गिराए जाने से रोकने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने राजस्व अधिकारियों के विरोध में भी कार्रवाई की मांग की थी। ओवैसी ने गिराई गई मस्जिदों, दरगाह और कब्रिस्तानों को पुनर्निर्माण की मांग की है !
स्त्रोत : जनसत्ता